गडचिरोली जिले के जांभुलखेडा में साल 2019 में हुए भीषण नक्सली हमले के चार बचे हुए आरोपियों पर एनआईए की विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। अदालत के इस आदेश के बाद अब इन चारों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई जल्द शुरू होगी। यह वही हमला था जिसमें 15 पुलिसकर्मी और एक नागरिक चालक शहीद हुए थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत ने हाल ही में इस मामले के शेष चार आरोपियों, सत्यनारायण रानी उर्फ किरण, परसराम तुलावी, सोमसे मडावी और किसान हिडामी के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इससे पहले मई 2024 में अदालत ने कुल आठ में से चार आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। हालांकि, इन चार आरोपियों ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) लागू किए जाने को चुनौती दी थी, जिसके चलते उनके खिलाफ कार्यवाही अलग कर दी गई थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस वक्त चारों आरोपियों की दलीलें स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ MCOCA की धाराएँ रद्द कर दी थीं। इसके बाद एनआईए ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया और इन चारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत आरोप तय करने का रास्ता साफ कर दिया।
इसी क्रम में एनआईए की विशेष अदालत ने अब चारों आरोपियों पर औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए हैं। अदालत के मुताबिक, “मामले के साक्ष्य पर्याप्त हैं और ट्रायल जल्द शुरू किया जाएगा।” 1 मई 2019 को जांभुलखेडा में नक्सलियों ने लैंडमाइन विस्फोट कर पुलिस बल के वाहन को निशाना बनाया था। इस हमले में गडचिरोली पुलिस के 15 जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक निजी वाहन चालक की भी मौके पर मौत हो गई थी। यह हमला महाराष्ट्र में नक्सल हिंसा की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक माना जाता है।
एनआईए ने इस मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और अब सभी के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अदालत के नए आदेश के बाद अब उम्मीद है कि ट्रायल जल्द शुरू होगा और शहीद जवानों के परिजनों को न्याय की दिशा में अगला कदम मिलेगा।
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