अवैध रूप से भारत में रह रहीं छह बांग्लादेशी महिलाओं को पूर्वी दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है। सभी महिलाओं के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। पुलिस ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) की मदद से निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये महिलाएं दिल्ली के विभिन्न इलाकों में गुप्त रूप से रह रही थीं, जिससे बचने के लिए वे लगातार ठिकाने बदलती रहीं।
पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अभिषेक धानिया ने बताया कि मंडावली पुलिस स्टेशन को एक गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर इंस्पेक्टर भूपेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। टीम ने मंडावली इलाके से एक संदिग्ध बांग्लादेशी महिला को पकड़ा। पूछताछ में उस महिला ने दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में रह रही पांच अन्य बांग्लादेशी महिलाओं की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया।
पकड़ी गई महिलाओं की पहचान मीम अख्तर (23), मीना बेगम (35), शेख मुन्नी (36), पायल शेख (25), सोनिया अख्तर (36) और तानिया खान (34) के रूप में हुई है। सभी महिलाएं बिना किसी वैध वीज़ा या दस्तावेजों के भारत में रह रही थीं।
डीसीपी ने बताया कि यह कार्रवाई पूर्वी जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे उस अभियान का हिस्सा है, जो 19 नवंबर 2024 को अवैध अप्रवासियों की पहचान और निर्वासन के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत अब तक 15 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें निर्वासित किया गया है। अभियान लगातार जारी है और जिले में और भी अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की तलाश की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में, 2 मई को द्वारका जिला पुलिस ने भी एक बांग्लादेशी महिला सहित 15 विदेशी नागरिकों को हिरासत में लेकर निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की थी। इनमें 11 नाइजीरिया, 2 आइवरी कोस्ट, और एक-एक बांग्लादेश और तंजानिया के नागरिक शामिल थे। ये सभी लंबे समय से बिना वैध वीज़ा भारत में रह रहे थे।
सरकारी एजेंसियों का कहना है कि यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक है। दिल्ली पुलिस का यह अभियान इसी दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।
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