तुलजापुर में ड्रग तस्करी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने अब तक 35 आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से 13 पुजारियों के नाम भी सामने आए हैं। ये वही पुजारी हैं, जो तुलजाभवानी मंदिर से किसी न किसी रूप में जुड़े हैं – और यही बात इस प्रकरण को और गंभीर बना रही है।
इस मामले के खुलासे के बाद पूरे तुलजापुर में हलचल है। धार्मिक नगरी की छवि को गहरा झटका लगा है, और श्रद्धालुओं के मन में संदेह और पीड़ा दोनों गहराते जा रहे हैं।
जैसे ही इन पुजारियों के नाम सामने आए, पालीकर पुजारी संघ के अध्यक्ष विपिन शिंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह बदनामी तुरंत रोकी जानी चाहिए। इन पुजारियों का देवी की दैनिक पूजा से कोई लेना-देना नहीं है। तुलजापुर का हर व्यक्ति पुजारी है, इसका मतलब यह नहीं कि हर व्यक्ति मंदिर से जुड़ा है।”
हालांकि उन्होंने यह स्वीकार नहीं किया कि नामों की सूची में पुजारी हैं, लेकिन यह स्पष्ट किया कि आरोपी व्यक्तियों का मंदिर की दैनिक पूजा व्यवस्था से कोई सीधा संबंध नहीं है।
तुलजाभवानी मंदिर संस्थान की अध्यक्ष और उस्मानाबाद की जिलाधिकारी कीर्ति किरण पूजा ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से आरोपी पुजारियों की आधिकारिक सूची मांगी है। अगर किसी पुजारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके मंदिर प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि यदि मंदिर से जुड़े किसी भी व्यक्ति की भूमिका ड्रग तस्करी में साबित होती है, तो ना केवल मंदिर प्रशासनिक व्यवस्था में फेरबदल होगा, बल्कि मंदिर की पवित्रता की रक्षा के लिए कठोर निर्णय भी लिए जाएंगे।
अब तक इस केस में 80 से अधिक लोगों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। जिन 35 लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें से कई को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है। पुलिस के मुताबिक, ड्रग नेटवर्क तुलजापुर के आसपास के ग्रामीण इलाकों में फैला हुआ था, जिसमें स्थानीय प्रभावशाली नामों की संलिप्तता के संकेत भी मिल रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
चीन को अमेरिकी झटके से याद आया, “हिंदी चीनी भाई भाई”
12 घंटे में सुलझी हत्या की गुत्थी: पत्नी ने ही रची थी पूर्व बीडीसी के हत्या की साजिश!
“गब्बर” फिल्म का सीन बना हकीकत: लाश को जिंदा दिखाकर खाए आयुष्मान योजना के पैसे!