अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दुनिया भर के कई देशों पर नए आयात शुल्क लगा दिए हैं। भारत सहित कई देश इससे प्रभावित हुए हैं और इस नीति का दुनिया भर के कई देशों के शेयर बाजारों पर भी खासा असर पड़ा है। हालाँकि, विशेष रूप से चीन को लक्ष्य करते हुए अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 104 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से बौखलाए चीन को अब भारत की याद आई है।
भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने मंगलवार (8 अप्रैल)को कहा कि भारत और चीन को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए। चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने एक्स पर एक पोस्ट लिखी। इस पोस्ट में उन्होंने कहा, “भारत और चीन को ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए आयात शुल्कों से पैदा चुनौतियों का सामना करने के लिए एक साथ आना चाहिए। चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध आपसी लाभ पर आधारित हैं। हम मुश्किलों का सामना कर रहे हैं क्योंकि अमेरिका आयात शुल्कों का दुरुपयोग कर रहा है। विकासशील देशों को इन मुश्किलों का सामना करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए।”
एक विस्तृत बयान में प्रवक्ता ने कहा कि चीन की आर्थिक ताकत उसकी व्यापक औद्योगिक प्रणाली तथा इनोवेशन और अनुसंधान पर उसके निरंतर ध्यान से बनी है। चीन की अर्थव्यवस्था ऐसी प्रणाली पर आधारित है जो स्थिर विकास सुनिश्चित करती है और सकारात्मक परिणाम देती है। चीनी विनिर्माण एक पूर्ण एवं निरंतर उन्नत औद्योगिक प्रणाली, अनुसंधान एवं विकास में सतत निवेश तथा नवाचार पर जोर पर आधारित है। चीन आर्थिक वैश्वीकरण और बहुपक्षवाद का प्रबल समर्थक है, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बढ़ावा दिया है तथा प्रत्येक वर्ष औसत वैश्विक वृद्धि में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान दिया है। यू ने कहा, हम विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को केंद्र में रखते हुए बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा के लिए शेष विश्व के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
यू ने कहा, “अमेरिका द्वारा लगाए गए अपमानजनक टैरिफों का सामना करते हुए, जो देशों, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के देशों को उनके विकास के अधिकार से वंचित करते हैं, दो सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए।”
राष्ट्रपति ट्रम्प ने इससे पहले सभी देशों पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया था तथा कुछ देशों से आने वाले सामानों पर बहुत अधिक कर लगाया था, जिसमें भारतीय निर्यात पर 27 प्रतिशत कर भी शामिल था। हालांकि, व्हाइट हाउस ने कहा कि तनाव तब बढ़ गया जब ट्रम्प ने मंगलवार 8 अप्रैल की मध्यरात्रि से सभी चीनी आयातों पर 104 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की। ट्रम्प ने चीन को अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत टैरिफ वापस लेने के लिए 24 घंटे का समय दिया था। जवाब में, चीन ने अंत तक लड़ने की कसम खाई है तथा अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाने का वादा किया है।
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