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Tuesday, July 15, 2025
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जीरो टॉलरेंस नीति की सफलता, यूपी में 200 से अधिक दुर्दांत अपराधी ढेर!

मेरठ जोन अव्वल, 14,741 मुठभेड़ों में 30,293 अपराधियों की गिरफ्तारी...

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ के तहत प्रदेश पुलिस ने बीते आठ वर्षों में अपराधियों पर कड़ा शिकंजा कसते हुए 14,741 मुठभेड़ों को अंजाम दिया। इन कार्रवाइयों में 234 कुख्यात अपराधी मारे गये, जबकि 30,293 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस–अपराधी मुठभेड़ों में 9,202 अपराधी घायल हुए। इस दौरान ड्यूटी करते हुए 18 पुलिसकर्मियों ने जान कुर्बान की और 1,700 जवान घायल हुए।

डीजीपी राजीव कृष्णा के मुताबिक मेरठ जोन अपराधियों से भिड़ंत के आँकड़ों में पूरे प्रदेश में शीर्ष पर है। यहाँ 4,183 मुठभेड़ें दर्ज हुईं जिनमें 7,871 अपराधियों को दबोचा गया, 2,839 घायल हुए और 77 वांछित बदमाश मौके पर ढेर कर दिए गए। मुठभेड़ों के दौरान 452 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि दो जांबाज़ सिपाहियों ने शहादत दी।

एनकाउंटर रिकॉर्ड में वाराणसी जोन दूसरे स्थान पर रहा। यहाँ 1,041 मुठभेड़ों में 2,009 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई; 605 बदमाश घायल हुए और 26 को मार गिराया गया। 96 पुलिसकर्मी जख़्मी हुए। तीसरे स्थान पर आगरा जोन है, जहाँ 2,288 मुठभेड़ें हुईं। इन अभियानों में 5,496 अपराधी पकड़े गए, 715 घायल हुए और 19 दुर्दांत अपराधी मारे गए। मुठभेड़ों में 56 पुलिसकर्मी घायल हुए।

  • लखनऊ जोन : 790 मुठभेड़, 15 अपराधी ढेर
  • प्रयागराज जोन : 506 मुठभेड़, 10 अपराधी ढेर
  • बरेली जोन : 1,962 मुठभेड़, 15 अपराधी ढेर
  • कानपुर जोन : 657 मुठभेड़, 11 अपराधी ढेर
  • गोरखपुर जोन : 594 मुठभेड़, 8 अपराधी ढेर

कमिश्नरी स्तर पर लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर, वाराणसी, आगरा और प्रयागराज कमिश्नरी की संयुक्त कार्रवाई में 43 अपराधी मारे गए।

प्रदेश‑भर में 18 पुलिसकर्मियों ने गोलियों का सामना करते हुए प्राण न्योछावर किए। डीजीपी ने कहा कि यह आँकड़े पुलिस‑कर्म की जोखिम भरी प्रकृति की झलक देते हैं। “हमारे शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। अपराध पर लगाम कसना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है,” उन्होंने जोर दिया।

राज्य सरकार का दावा है कि सख़्त कार्रवाई से संगठित अपराध के नेटवर्क कमजोर हुए हैं। मेरठ, बागपत से लेकर वाराणसी‑चंदौली तक कुख्यात गैंगों की कमर टूटी है। पुलिस की सक्रिय गौंडा‑बाल्मीकि टुकड़ियाँ, बेहतर खुफिया समन्वय और आधुनिक हथियारों ने मुठभेड़ों की सफलता में अहम भूमिका निभाई।

डीजीपी कार्यालय के अनुसार, अपराध‑नियंत्रण के लिए फर्स्ट‑रिस्पॉन्डर ड्रोन इकाइयों, आईए‑आधारित अपराध‑मैपिंग और फोरेंसिक मोबाइल लैब जैसी नवाचार योजनाएँ शुरू की जा रही हैं। कोई भी अपराधी कानून से ऊपर नहीं, पुलिस मुख्यालय ने दोहराया। लगातार कार्रवाई और तकनीकी सुदृढ़ीकरण से यूपी पुलिस ने संदेश दिया है—राज्य में अपराध के लिए अब ‘जीरो टॉलरेंस’ ही एकमात्र नीति है।

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