मुंबई पुलिस की साकीनाका यूनिट ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए वसई स्थित सिमेंट ब्लॉक निर्माण करने वाली एक फैक्ट्री से भारी मात्रा में म्युफेड्रोन (एमडी) ड्रग बरामद किया है। पुलिस ने फैक्ट्री पर छापा मारकर तकरीबन 8 करोड़ रुपये मूल्य का प्रतिबंधित एमडी ड्रग जब्त किया है और इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी काळूराम चौधरी की तलाश फिलहाल तेज़ी से जारी है।
पूरा मामला तब सामने आया जब कुछ दिन पहले साकीनाका इलाके के रेतीवाला कंपाउंड में संदेहास्पद गतिविधियों के चलते सादिक सलीम शेख (28) नामक युवक को पकड़ा गया। तलाशी लेने पर उसके पास से 53 ग्राम एमडी बरामद हुआ, जिसके बाद NDPS एक्ट की धारा 8(क), 22(क), 29 के तहत एफआईआर दर्ज की गई और सादिक को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान सादिक ने बताया कि उसे यह ड्रग सिराज सुलतान पंजवानी (57) से मिला था। पुलिस ने 26 अप्रैल को मीरा रोड से सिराज को गिरफ्तार किया और उससे मिली जानकारी के अनुसार वसई स्थित ग्रीन सिमेंट कंपनी में ड्रग्स का निर्माण किया जा रहा था।
इस आधार पर पुलिस ने वसई के कामन गांव स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां से एक सेंट्रीफ्यूगल मशीन और दो 300 लीटर क्षमता के फ्रीज़र भी बरामद किए गए जो ड्रग बनाने में उपयोग किए जाते थे। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह पूरा रैकेट सिमेंट ब्लॉक निर्माण की आड़ में चल रहा था।
पुलिस अब इस ड्रग रैकेट के मास्टरमाइंड काळूराम चौधरी की तलाश में जुटी है, जिसे इस पूरे रैकेट का प्रमुख संचालक माना जा रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि इस फैक्ट्री का वास्तविक उपयोग एमडी जैसे सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी और उत्पादन के लिए किया जा रहा था, जिससे ड्रग्स मुंबई सहित अन्य इलाकों में सप्लाई किए जाते थे।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि अवैध नशा कारोबार किस तरह समाज की नींव को खोखला कर रहा है, और कैसे माफिया तत्व वैध व्यापार की आड़ में पूरे शहर को नशे के जाल में जकड़ने का प्रयास कर रहे हैं।