पीएम मोदी ने राहुल गांधी के उस मंशा पर करारा प्रहार किया है, जिसके बारे में कहा जा रहा था कि राहुल गांधी ने 14 जनवरी को “भारत न्याय यात्रा” निकालकर राम मंदिर के कार्यक्रम का रंग फीका कर देंगे। लेकिन, पीएम मोदी ने शनिवार को अयोध्या से 14 जनवरी को देशवासियों को बड़ा कार्य सौंपा है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के अवसर पर देशभर के तीर्थ स्थलों पर सफाई अभियान चलाया जाए। यह अभियान 14 से 22 जनवरी तक चलना चाहिए। तो आज हम इस बातचीत में यह जानने की कोशिश करेंगे कि राहुल गांधी ने 14 जनवरी को ही “भारत न्याय यात्रा” क्यों शुरू कर रहें हैं। इसके पीछे की रणनीति क्या है ? क्या इसके पीछे कांग्रेस का कोई सीक्रेट प्लान है।
जब कांग्रेस ने यह ऐलान किया कि राहुल गांधी 14 जनवरी को “भारत न्याय यात्रा” निकालेंगे। तो कई सवाल खड़े हुए और लोग अपने अपने स्तर यह जानकारी जुटाने लगे थे की आखिर कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए 14 जनवरी की ही तारीख क्यों चुनी ? तो जानकारों का कहना है कि कांग्रेस और राहुल गांधी ने मकर संक्रांति के अवसर को एक रणनीति के तौर पर चुना है। इसके जरिये बीजेपी को काउंटर करने की योजना है। पहली बात तो यह कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में इसे बहुत शुभ दिन माना जाता है। कांग्रेस ने इस तारीख को चुनकर एक तरह से बीजेपी के नक्शेकदम पर चलती हुई दिखाई दे रही है। अक्सर देखा जाता है कि बीजेपी कोई कार्यक्रम किसी ख़ास मौके या त्यौहार के दिन आयोजित करती है।
इसके जरिये बीजेपी लोगों से ज्यादा जुड़ने की कोशिश करती है। अब कांग्रेस ने भी बीजेपी के ही नक्शेकदम पर चलकर उसे काउंटर करने की तैयारी में है। कांग्रेस मकर संक्रांति के दिन भारत न्याय यात्रा शुरू कर हिन्दू जनमानस से जुड़ना चाहती है। हो सकता है कि कांग्रेस का इस दिन बड़ा इवेंट कर इस यात्रा को शुरू करे। कांग्रेस हिन्दु समाज को यह बताने की कोशिश करेगी कि कैसे वह हिन्दू त्योहार पर यात्रा शुरू कर मणिपुर को न्याय दिलाने की कोशिश कर रही है। देश को न्याय दिलाने की कोशिश है। इसके जरिये राहुल गांधी अपना हिन्दू प्रेम दिखा सकते हैं, दावा कर सकते हैं कि वे राम के बताये मार्ग पर चल रहें हैं। उनके आदर्शों पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन पीएम मोदी ने अयोध्या से देशवासियों से यह अपील की कि वे इस दिन देशभर के तीर्थ स्थलों पर सफाई अभियान चलाएं. इससे मीडिया का फोकस केवल राहुल गांधी पर नहीं रहेगा, बल्कि तमाम देश के छोटे बड़े धार्मिक स्थलों पर होगा, जहां सफाई अभियान की शुरुआत होगी और माना जा रहा है कि बीजेपी के नेता इस अभियान को बड़े इवेंट में बदल देंगे।
दरअसल, कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने राम मंदिर कार्यक्रम से पहले ही मीडिया का सारा फोकस “भारत न्याय यात्रा” की ओर करने की प्लानिंग की है. जिस समय राहुल गांधी “भारत न्याय यात्रा” निकाल रहें होंगे, उस समय पार्टी के नेता इसे सफल बनाने के लिए जोर शोर से जुटे रहेंगे। जिसे मीडिया को दिखाना मज़बूरी है। अगर मीडिया ऐसा नहीं करती है तो उस पर पक्षपात का आरोप लग सकता है। इस दौरान भले राहुल गांधी यह न चाहें कि उनसे राम मंदिर से जुड़ा सवाल न पूछा जाए, लेकिन मीडिया जरूर उनसे इस संबंध में सवाल जवाब करेगी । खबरों में ऐसा अनुमान लगाया गया है कि राहुल गांधी इस अवसर को ख़ास बनाने के लिए बड़ी तैयारी किये है। हालांकि यह केवल अनुमान है। मौके पर क्या होता है यह देखना बाकी है।
तीसरा यह कि, यह सवाल अभी भी सभी के मन है कि आखिर राहुल गांधी ने “भारत न्याय यात्रा” को मणिपुर के बजाय किसी दूर राज्य से क्यों नहीं शुरू कर रहे हैं। तो बता दें कि “भारत न्याय यात्रा” पहले गुजरात से शुरू की जाने वाली थी, लेकिन बाद में इस प्लान को बदलकर मणिपुर को चुना गया। बताया जा रहा है कि बीजेपी शासित राज्य होने की वजह से प्लान चेंज किया गया। हालांकि, मणिपुर के सीएम को भी बीजेपी का समर्थन प्राप्त है, लेकिन वहां एक लड़की को नग्न अवस्था में घुमाया जाना देश भर की मीडिया में सुर्खियां बना था। इसके अलावा संसद में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में इस मुद्दे को लेकर दंगल देखने को मिला था। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी का प्लान पीएम मोदी को घेरने का है। क्योंकि यहां कई माह से जारी हिंसा के बाद भी पीएम मोदी नहीं गए। इसी मुद्दे को लेकर राहुल गांधी मणिपुर को चुने हैं।
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी पीएम मोदी के विदेश और अन्य राज्यों के दौरे को लेकर बात करेंगे और सवाल पूछेंगे कि आखिर पीएम मोदी ने इस राज्य का दौरा क्यों नहीं किया ? इसके साथ ही कई और मुद्दों को उठायेंगे। राहुल यह बताने की कोशिश करेंगे कि पीएम मोदी मणिपुर की हिंसा को रोकने में नाकाम रहे। पीएम अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए जा रहे हैं, लेकिन यहां कई माह से दो गुटों में जारी हिंसा के बीच एक बार भी नहीं गए। यह साफ है कि “भारत न्याय यात्रा” के दौरान राहुल गांधी के निशाने पर पीएम मोदी होंगे। वहीं, पीएम मोदी द्वारा देशवासियों से देशभर के तीर्थ स्थलों को साफ़ रखने के उद्देश्य की गई अपील का असर देखने को मिल सकता है। क्योंकि इससे पहले भी पीएम मोदी जनता से कोरोना काल में घर में रहने और दीप जलाने की अपील की थी। जिसका जनता पर काफी प्रभाव पड़ा था और जनता ने पीएम मोदी की अपील को हाथों हाथ लिया था ।
सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन को राम मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला है, लेकिन कांग्रेस ने अभी यह निर्णय नहीं कर पाई है कि उसके नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे की नहीं। कांग्रेस अभी दुविधा में है। वैसे राहुल गांधी को इस कार्यक्रम के लिए न्योता नहीं मिला है। लेकिन खबरों में कहा गया है कि राहुल गांधी अपने को सॉफ्ट हिंदुत्व को धार देने के लिए अयोध्या का दौरा करना चाहते थे, लेकिन अभी तक इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली है। इसलिए माना जा रहा है कि राम मंदिर कार्यक्रम के समांतर राहुल गांधी “भारत न्याय यात्रा” निकालकर अपनी उलझन को मिटाने की कोशिश की है। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह सवाल हो सकता है। मगर यह बात सौ फीसदी सही है कि कांग्रेस बीजेपी के राम मंदिर पर बढ़त नहीं लेने देना चाहती है। इसी लिए 14 जनवरी को भारत न्याय यात्रा शुरू करने का प्लान बनाया है।
इसके तहत एक सप्ताह तक कांग्रेस बीजेपी और पीएम मोदी को टारगेट करने का प्लान बनाया था, जिस पर पीएम मोदी की देशवासियों से सफाई अभियान की अपील भारी पड़ती दिख रही है। क्योंकि पूरे देश पर पीएम मोदी का जादू छाया हुआ है। इसका उदाहरण शनिवार को अयोध्या में देखने को मिला, जब पीएम मोदी रोड शो कर रहे थे तो उनके ऊपर फूलों की बारिश हो रही थी और अयोध्यवासी उनकी एक झलक देने को बेताब दिखे। बहरहाल, 14 जनवरी से 22 जनवरी तक कौन नेता किस पर भारी पड़ेगा यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा।
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