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Sunday, June 15, 2025
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बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश: चैरिटी कमिश्नर की वेबसाइट फिर से चालू हो!

राज्य चैरिटी कमिश्नर के अधीन नामित अधिकारियों के समक्ष मामलों को ई-फाइल करने के विकल्प की अनुपलब्धता के बारे में चिंता जताई गई थी।

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र चैरिटी कमिश्नर की वेबसाइट में गंभीर समस्याओं का संज्ञान लिया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और कमिश्नर कार्यालय को इसे तत्काल चालू करने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। आदेश अधिकारियों की ओर से एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार के बीच आया।
दरअसल, चैरिटी कमिश्नर कार्यालय ने दावा किया कि राज्य सरकार वेबसाइट के सुचारू संचालन के लिए मदद नहीं कर रही है, जबकि सरकार के महाराष्ट्र सूचना प्रौद्योगिकी निगम लिमिटेड (एमएएचए आईटी) ने कहा कि कमिश्नर कार्यालय ने आवश्यक विवरण नहीं दिया है।
जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ ने इस महीने की शुरुआत में पारित आदेशों में चैरिटी कमिश्नर कार्यालय को निर्देश दिया कि वह वेबसाइट से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए MAHA IT के साथ संपर्क करने के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करे।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि चैरिटी कमिश्नर की वेबसाइट में गंभीर समस्याएं हैं। कोर्ट ने कहा कि हालांकि, चैरिटी कमिश्नर के कार्यालय ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी कि उसकी वेबसाइट काम कर रही है, लेकिन यह झूठ है।

कोर्ट श्रद्धा मोरे द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य चैरिटी कमिश्नर के अधीन नामित अधिकारियों के समक्ष मामलों को ई-फाइल करने के विकल्प की अनुपलब्धता के बारे में चिंता जताई गई थी।

इसके बाद ही चैरिटी कमिश्नर ने अदालत के सामने एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि संगठन की वेबसाइट अगस्त 2016 से चालू है। MAHA IT इसका प्रबंधन कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि चैरिटी संगठन को राज्य डेटा सेंटर के सर्वर पर प्रति माह लगभग 500 जीबी स्थान की आवश्यकता होती है। हालांकि, इसे प्रदान नहीं किया जा रहा था और इसलिए वेबसाइट कई दिनों तक काम नहीं करती थी।

महा आईटी ने हाईकोर्ट की पीठ को सूचित किया कि चैरिटी कमिश्नर के कार्यालय से कई मुद्दों पर देरी से जवाब मिल रहे हैं, जिसके कारण वह आवश्यक कार्य करने में असमर्थ है।

इसके बाद कोर्ट ने चैरिटी कमिश्नर को निर्देश दिया कि वह महा आईटी कर्मचारियों के साथ वार्षिक रखरखाव अनुबंध फाइनल करने के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करे।

कोर्ट ने आदेश दिया कि सर्वर को अपग्रेड करने और अप-टू-डेट तकनीकी आवश्यकताओं को स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक आवश्यकताओं को यथासंभव शीघ्रता से और तीन सप्ताह के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को सर्वर को अपग्रेड करने और क्लाउड स्पेस खरीदने के लिए तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।

कोर्ट ने कहा, ‘चैरिटी कमिश्नर को निर्देश दिया जाता है कि वह अपने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को सभी कार्यवाहियों का डेटा अपडेट करने का निर्देश दें। ऐसे आदेशों या कार्यवाहियों को अपलोड करने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए।’

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 11 जून को तय की। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक चूंकि वेबसाइट चालू नहीं है, इसलिए पक्षों को अपनी कार्यवाही मैन्युअल या ऑफलाइन दाखिल करने की अनुमति है।
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