तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस के अवसर पर धर्मशाला में एक आध्यात्मिक और गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने भाग लेकर शांति, सहिष्णुता और धार्मिक स्वतंत्रता के उनके संदेश को सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलाई लामा को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मैं 1.4 अरब भारतीयों की ओर से परम पावन दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। वे प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन का प्रतीक हैं। उनका संदेश हर धर्म में सम्मान और प्रेरणा का स्रोत रहा है। हम उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करते हैं।”
I join 1.4 billion Indians in extending our warmest wishes to His Holiness the Dalai Lama on his 90th birthday. He has been an enduring symbol of love, compassion, patience and moral discipline. His message has inspired respect and admiration across all faiths. We pray for his…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2025
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि भारत सरकार दलाई लामा को एक धार्मिक संस्था के रूप में देखती है और इसमें किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं करती। उन्होंने कहा, “दलाई लामा एक आध्यात्मिक संस्थान हैं और भारत सरकार इसमें किसी बाहरी हस्तक्षेप को उचित नहीं मानती।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि चीन की आपत्तियों पर टिप्पणी करने के बजाय, भारत “सब कुछ परम पावन पर छोड़ता है।”
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी इस अवसर को ऐतिहासिक बताया और कहा,”बौद्ध धर्म भले ही चीन में हो, लेकिन दलाई लामा की संस्था तिब्बत और हिमालयी क्षेत्रों के लोगों की है। चीन को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।” उन्होंने भारत और चीन के बीच तनाव पर कहा, “दोनों देश बड़े आर्थिक ताकत हैं, समस्याओं का हल कूटनीति से होना चाहिए, युद्ध कोई समाधान नहीं है।”
अरुणाचल भाजपा अध्यक्ष तापिर गाव ने दलाई लामा को “प्रेम, शांति और करुणा की संस्था” बताते हुए वैश्विक समुदाय से आग्रह किया कि वह बौद्ध संस्कृति का सम्मान करे और किसी भी देश के दबाव में न झुके। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और कहा,”हम यहां उनके आजीवन संघर्ष को सम्मान देने आए हैं। सरकार धर्म और आस्था में हस्तक्षेप नहीं करती।”
इस अवसर पर दलाई लामा ने अपने आधिकारिक X अकाउंट के माध्यम से विशेष संदेश जारी किया। उन्होंने कहा,
“भौतिक प्रगति जरूरी है, लेकिन मानसिक शांति प्राप्त करना और सभी के प्रति करुणा रखना और भी आवश्यक है।”
उन्होंने मानव मूल्यों को बढ़ावा देने, धार्मिक समरसता, भारतीय दार्शनिक परंपरा और तिब्बती संस्कृति के संरक्षण को अपने जीवन का संकल्प दोहराया।
दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस पर यह आयोजन न केवल उनकी मानवीय शिक्षाओं का सम्मान था, बल्कि यह भी संदेश था कि भारत में धर्म और आस्था की स्वतंत्रता को सर्वोच्च सम्मान प्राप्त है – चाहे वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के विरुद्ध क्यों न हो।
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