दक्षिण कोरिया में चल रही 32वीं एशियन जूनियर इंडिविजुअल स्क्वैश चैंपियनशिप के दौरान एक शर्मनाक घटना ने खेल की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। पाकिस्तान की स्क्वैश खिलाड़ी मेहविश अली ने राउंड ऑफ 16 में हार के बाद मध्यमा उंगली (मिडल फिंगर) दिखाकर खेल भावना की मर्यादा को लांघ दिया। यह घटना 3 जुलाई को गिमचेन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुए मैच के बाद कैमरे में कैद हो गई।
मेहविश अली को हॉन्गकॉन्ग की चंग वाई लिंग (Chung YL) के हाथों 11-13, 5-11, 11-13, 4-11 से हार का सामना करना पड़ा। मैच समाप्त होने के बाद कोर्ट से बाहर निकलते समय उन्होंने अपमानजनक इशारा किया, जिसे दर्शकों और सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा।
Pakistani squash player Mehwish Ali displaying a middle finger to her opponent after losing a match is inappropriate and unacceptable. This behavior is unsportsmanlike and she should be issued a fine or penalty. Mehwish should also reflect on her actions and apologize. pic.twitter.com/ADmGYnIMQO
— Muneeb Farrukh (@Muneeb313_) July 3, 2025
इसके बाद चंग वाई लिंग का मुकाबला भारत की अंकिता दुबे से ग्रुप क्वार्टरफाइनल में हुआ, जहां भारतीय खिलाड़ी ने 11-8, 9-11, 11-7, 13-11 से जीत दर्ज की। अंकिता दुबे सेमीफाइनल में मलेशिया की सेकेंड सीड हारलीन टैन से हार गईं, लेकिन उन्होंने गर्ल्स अंडर-17 वर्ग में भारत के लिए कांस्य पदक जीता।
भारत ने इस टूर्नामेंट में कुल तीन पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। अमायर्य बजाज ने बॉयज़ अंडर-13 वर्ग में दमदार खेल दिखाते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। वहीं, आर्यमन सिंह ने बॉयज़ अंडर-15 वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। इन युवा खिलाड़ियों की उपलब्धियों ने टूर्नामेंट में भारत की उपस्थिति को मजबूत किया और भविष्य के लिए उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
मेहविश अली की हरकत ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों की खिलाड़ी मर्यादा और अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पहला मौका नहीं है जब किसी पाकिस्तानी जूनियर खिलाड़ी पर अशोभनीय व्यवहार का आरोप लगा हो।
मई 2025 में कज़ाख़िस्तान में हुए U-16 डेविस कप मुकाबले में भी भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के बाद एक पाकिस्तानी खिलाड़ी ने जानबूझकर अपमानजनक अंदाज में हाथ मिलाने का प्रयास किया, जिससे विवाद खड़ा हुआ। भारतीय खिलाड़ी ने संयम दिखाते हुए चुपचाप वहां से हट जाना बेहतर समझा।
इन घटनाओं ने खेल विशेषज्ञों और प्रशंसकों के बीच युवा खिलाड़ियों के व्यवहार और कोचिंग तंत्र की जिम्मेदारी को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या एशियन स्क्वैश महासंघ या पाकिस्तान स्क्वैश फेडरेशन मेहविश अली के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करता है या नहीं। खेल केवल प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि चरित्र की भी परीक्षा है — और वह परीक्षा मेहविश अली जैसे उदाहरणों में फेल होती दिख रही है।
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