उसे 2018 में मकोका मामले में गिरफ्तार किया गया था। फरवरी 2025 में उसे बहन की शादी के लिए चार दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। जिसका फायदा उठाकर वो फरार हो गया।
क्राइम ब्रांच की आरके पुरम टीम, इंस्पेक्टर रामपाल और एसीपी उमेश बर्थवाल की अगुआई में गुप्त सूचना के आधार पर मोहित को पकड़ने के लिए गोवा में ऑपरेशन चलाया।
सूचना मिली थी कि मोहित बार-बार ठिकाने बदल रहा था और गोवा में छिपा हुआ था। वह अपनी पहचान छिपाने के लिए छिपने की जगह से दूर जाकर कॉल लगाता था और जघन्य अपराध की योजना बना रहा था। पुलिस ने सावधानीपूर्वक जांच की और 4 जुलाई को उत्तरी गोवा के शहीद सर्कल के पास छापेमारी कर मोहित को धर दबोचा। पूछताछ में मोहित ने अपनी पहचान स्वीकारी और बताया कि वह मकोका मामले में जमानत तोड़कर फरार था।
वह गोगी गैंग का कट्टर सदस्य है और 2016 में बहादुरगढ़ में दिल्ली पुलिस की एस्कॉर्ट टीम पर हमले में शामिल था, जिसका मकसद गैंग के सरगना जितेंद्र गोगी को भगाना था। इस हमले का मामला बहादुरगढ़ के सदर थाने में दर्ज है। मोहित गैंग के कई अन्य आपराधिक मामलों में भी संलिप्त रहा है। फरार होने के बाद वो मुंबई, गोवा और कर्नाटक में छिपता रहा।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस गिरफ्तारी को बड़ी सफलता बताया है। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है, ताकि गैंग के अन्य सदस्यों और उनके आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी का भाई नेहल अमेरिका में गिरफ्तार!
