अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इजरायल के बीच पूर्ण और अंतिम सीजफायर की घोषणा के बाद अब इस युद्धविराम को लेकर गंभीर संदेह पैदा हो गए हैं। ईरान ने साफ तौर पर कहा है कि उसे अमेरिका की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, और न ही वह वाशिंगटन या तेल अवीव के साथ शत्रुता समाप्त करने की किसी मंशा में है।
सीएनएन से बातचीत में एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने कहा, “इस समय, दुश्मन ईरान के खिलाफ आक्रामकता कर रहा है, और ईरान अपने जवाबी हमलों को तेज करने की कगार पर है। हम दुश्मनों का झूठ सुनने को तैयार नहीं हैं।”
उन्होंने अमेरिका और इजरायल के बयानों को ईरान पर भविष्य के हमलों को उचित ठहराने की एक चाल करार दिया है।इस बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि ईरान और इजरायल के बीच किसी तरह के युद्धविराम पर कोई समझौता नहीं हुआ है।
ट्रंप ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर घोषणा करते हुए लिखा था, “बधाई हो सभी को! ईरान और इजरायल के बीच पूर्ण और अंतिम सीजफायर पर सहमति बन गई है। सीजफायर छह घंटे में शुरू होगा, पहले ईरान इसका पालन करेगा और फिर 12 घंटे बाद इजरायल भी शामिल हो जाएगा। 24 घंटे बाद युद्ध को औपचारिक रूप से समाप्त मान लिया जाएगा।”
ट्रंप ने अपने संदेश में यह भी कहा कि यह युद्ध सालों तक चल सकता था, जिससे पूरा मध्य पूर्व तबाह हो जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब यह युद्ध खत्म होगा। उन्होंने दोनों देशों की सहनशक्ति, बुद्धिमत्ता और साहस की सराहना की और अपने पोस्ट के अंत में लिखा, “ईश्वर ईरान को आशीर्वाद दे, ईश्वर इजरायल को आशीर्वाद दे, ईश्वर मध्य पूर्व को आशीर्वाद दे, ईश्वर अमेरिका को आशीर्वाद दे और ईश्वर पूरी दुनिया को आशीर्वाद दे।”
हालांकि, सोमवार रात तक न तो इजरायली और न ही ईरानी अधिकारियों ने इस कथित समझौते की पुष्टि की, और ना ही व्हाइट हाउस या पेंटागन ने इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया। अब सवाल यह उठता है कि क्या ट्रंप का बयान एकतरफा था या इसके पीछे कोई राजनयिक पहल छिपी थी, जो सही तरीके से संप्रेषित नहीं हो पाई। इस भ्रम की स्थिति में क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है।
वहीं कुछ समय पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल के जरिए कहा, “इजराइल और ईरान लगभग एक साथ मेरे पास आए और कहा, “शांति!” मुझे पता था कि अब समय आ गया है। दुनिया और मध्य पूर्व असली विजेता हैं! दोनों राष्ट्र अपने भविष्य में जबरदस्त प्रेम, शांति और समृद्धि देखेंगे। उन्हें बहुत कुछ हासिल करना है, और फिर भी, अगर वे धर्म और सत्य के मार्ग से भटक गए तो उन्हें बहुत कुछ खोना पड़ेगा। इजराइल और ईरान का भविष्य असीमित है, और महान वादों से भरा हुआ है। भगवान आप दोनों को आशीर्वाद दें!”
ट्रम्प के बयानों के बाद अभी भी ईरान की और से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। ऐसे में पश्चिमी एशिया में चल रहे इस युद्ध पर असमंजस की स्थिती बानी हुई है। इस स्थिती में ईरानी परमाणु संशोधन व्यवस्था और क्षमताएं अभी बानी हुई है या नहीं इस पर भी असमंजस की स्थिती बानी हुई है।
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