आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में अक्सर लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और छोटी-मोटी बीमारियां भी बार-बार घेरने लगती हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक जीवनशैली और देसी नुस्खे रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। आयुष मंत्रालय ने भी नागरिकों को रोगों से बचाने के लिए कुछ आसान और असरदार उपाय सुझाए हैं, जिन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपनाकर न सिर्फ इम्युनिटी मजबूत की जा सकती है, बल्कि नींद भी अच्छी मिलती है।
पानी और योग से शुरुआत करें दिन की
आयुष मंत्रालय के अनुसार, दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। यह न सिर्फ शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है, बल्कि विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। वहीं, हर दिन कम से कम 30 मिनट योग, प्राणायाम और ध्यान करने की सलाह दी गई है। इससे शरीर का लचीलापन, मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है, जो मिलकर इम्युनिटी को सशक्त बनाते हैं।
रसोई में छिपा है स्वास्थ्य का राज
भारतीय रसोई में उपयोग होने वाले मसाले जैसे हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि इनमें रोगों से लड़ने वाले गुण भी छिपे होते हैं। हल्दी में मौजूद एंटीसेप्टिक तत्व शरीर को संक्रमण से बचाते हैं, वहीं लहसुन इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करता है।
च्यवनप्राश और हर्बल काढ़ा अपनाएं
मंत्रालय ने रोज़ सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश लेने की सलाह दी है। हालांकि, डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के लिए शुगर-फ्री च्यवनप्राश विकल्प चुनने की बात कही गई है। इसके अलावा तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, अदरक और मुनक्का से बना हर्बल काढ़ा दिन में एक से दो बार पीना फायदेमंद होता है। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा गुड़ या नींबू का रस मिलाया जा सकता है।
सोने से पहले हल्दी वाला दूध
रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीना न सिर्फ शरीर को अंदर से पोषण देता है, बल्कि नींद की गुणवत्ता भी सुधारता है। यह उपाय शरीर को आराम देने और प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में कारगर माना गया है।
देसी नुस्खे: नस्य और ऑयल पुलिंग
हर सुबह-शाम तिल या नारियल के तेल की कुछ बूंदें नाक में डालने (नस्य) की सलाह दी गई है। इससे नाक की सफाई होती है और सर्दी-खांसी से बचाव होता है। वहीं, एक चम्मच तिल या नारियल तेल को मुंह में डालकर 2-3 मिनट तक घुमाने और फिर थूकने की प्रक्रिया, जिसे ‘ऑयल पुलिंग’ कहा जाता है, दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ इम्युनिटी भी बढ़ाती है।
गले में खराश के लिए भाप
गले में खराश हो तो पुदीना या अजवाइन के पत्तों को पानी में उबालकर उसकी भाप लेने से राहत मिलती है। यह एक सरल लेकिन प्रभावशाली आयुर्वेदिक उपाय है, जो संक्रमण को दूर रखने में मदद करता है।
इन सभी आयुर्वेदिक उपायों को अगर नियमित रूप से अपनाया जाए, तो न सिर्फ बीमारियों से बचा जा सकता है, बल्कि पूरे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से मजबूत किया जा सकता है। साथ ही यह उपाय मानसिक स्वास्थ्य और अच्छी नींद के लिए भी फायदेमंद हैं। ऐसे में यह समय है कि आधुनिक जीवनशैली में आयुर्वेद की ताकत को फिर से अपनाया जाए।
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