अमेरिका की राजधानी में दो इजरायली दूतावास कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या को एफबीआई ने शुक्रवार को यहूदियों को निशाना बनाकर किया गया सुनियोजित आतंकवादी हमला बताया है। एफबीआई के प्रभारी सहायक निदेशक स्टीवन जे. जेन्सेन ने इसे यहूदी समुदाय के खिलाफ हिंसा का कृत्य बताते हुए कहा कि एजेंसी इस जघन्य अपराध की पूरी गंभीरता से जांच कर रही है।
यह हमला लिलियन और अल्बर्ट स्मॉल कैपिटल यहूदी म्यूजियम के बाहर हुआ, जहां अमेरिकी यहूदी समिति द्वारा युवा राजनयिकों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मृतकों की पहचान सारा लिन मिलग्रिम और यारोन लिस्चिंस्की के रूप में हुई है, जो वॉशिंगटन स्थित इजरायली दूतावास में कार्यरत थे।
हमले के बाद गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान शिकागो निवासी 30 वर्षीय एलियास रोड्रिगेज के रूप में हुई है। वाशिंगटन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस प्रमुख पामेला स्मिथ के अनुसार, गिरफ्तारी के समय रोड्रिगेज “फ्री फिलिस्तीन!” का नारा लगा रहा था, जो हमले की राजनीतिक और वैचारिक पृष्ठभूमि की ओर इशारा करता है।
एफबीआई अधिकारी जेन्सेन ने कहा, “यह हमला पूरी तरह लक्षित था और यहूदी विरोधी भावना से प्रेरित था। हम डिजिटल साक्ष्य, सोशल मीडिया अकाउंट्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी जांच कर रहे हैं।”
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी ने इस हत्या को क्रूर और यहूदी विरोधी हिंसा करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका में इस प्रकार की घृणा आधारित हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। “हम सुनिश्चित करेंगे कि इस जघन्य अपराध के दोषी को सबसे सख्त सजा मिले,” उन्होंने कहा।
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, एलियास रोड्रिगेज पर विदेशी अधिकारियों की हत्या, हथियार का उपयोग करके हत्या में संलिप्तता और हिंसा के दौरान हथियार चलाने जैसे गंभीर संघीय और स्थानीय आरोप लगाए गए हैं। उस पर कोलंबिया जिला न्यायालय में मुकदमा चलेगा।
घटना के वीडियो फुटेज में रोड्रिगेज को पीड़ितों के पास से गुजरते और पीछे मुड़कर लगातार गोलियां चलाते हुए देखा गया। अधिकारियों ने बताया कि हमलावर ने पीड़ितों के गिरने के बाद भी करीब से फायरिंग जारी रखी। घटनास्थल से 9 मिमी की एक हैंडगन और 21 खाली कारतूस बरामद किए गए हैं।
इस मामले की जांच एफबीआई के वाशिंगटन फील्ड ऑफिस और मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है। साथ ही, न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग और कोलंबिया जिले के लिए यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी कार्यालय मिलकर मुकदमा चला रहे हैं।
यह घटना ऐसे समय हुई है जब अमेरिका और पश्चिमी देशों में यहूदी-विरोधी घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे यहूदी समुदाय में गंभीर चिंता और असुरक्षा का माहौल बन रहा है।
एफबीआई ने आश्वस्त किया है कि वह इस केस में सभी सबूतों का संकलन कर त्वरित न्याय सुनिश्चित करेगी और यहूदियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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