महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार (4 मार्च) को दी जानकारी के अनुसार, प्रदेश गिलियन-बैरे सिंड्रोम के मामलों में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार अब तक 193 मरीजों को गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से प्रभावित हुए है, जबकि 29 मामलों को संदेहास्पद जीबीएस केस के रूप में देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस गंभीर स्थिति के कारण राज्य में अब तक कुल 11 मौतें हुई हैं।
इनमें से 6 मौतों को जीबीएस के कारण होने की पुष्टि की गई है, जबकि 5 मौतें संदेहास्पद जीबीएस मामलों के रूप में दर्ज की गई हैं। जीबीएस से प्रभावित मरीजों का अधिकांश हिस्सा पुणे और आसपास के क्षेत्रों से है। पुणे महानगरपालिका क्षेत्र (पीएमसी) के 95 मरीज, पुणे नगर निगम के 44 मरीज और पिंपरी चिंचवड नगर निगम के 33 मरीज शामिल हैं।
इसके अलावा, पुणे ग्रामीण क्षेत्र से 36 मरीज और अन्य जिलों से 14 मरीज इस लिस्ट में शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुल 173 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि, 29 मरीजों की स्थिति गंभीर बनी होने के कारण उन्हें आईसीयू में रखा गया है, जबकि 13 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
यह भी पढ़ें:
सेमीफाइनल में हार के बाद स्मिथ का छलका दर्द, कहा 280 से ज्यादा रन बनाते तो नतीजा अलग होता!
डोनाल्ड ट्रम्प का पहला संसदीय भाषण, कहा लौट आया अमेरिका का ‘स्वर्णयुग’
डोनाल्ड ट्रम्प के भाषण के दौरान विरोधियों का हंगामा, जवाब नहीं देना चाहती डेमोक्रेटिक पार्टी !
बता दें कि 27 जनवरी को पुणे में जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन का समर्थन करने के लिए सात सदस्यीय टीम तैनात की। केंद्र की उच्च स्तरीय टीम में बहु-विषयक विशेषज्ञ शामिल थे। इसका उद्देश्य जीबीएस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का समर्थन करना है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी कि सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोका जा सकता है, जैसे कि उबला हुआ, बोतलबंद पानी पीना, खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना, चिकन और मांस को ठीक से पकाना, कच्चे या अधपके भोजन, विशेष रूप से सलाद, अंडा, कबाब या समुद्री भोजन से परहेज करना।
यह भी देखें: