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Sunday, June 15, 2025
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न्यूयॉर्क से लेकर शिकागो तक उबले विरोध प्रदर्शन!

ट्रंप की इमिग्रेशन नीति के खिलाफ बवाल

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अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन कार्रवाई के खिलाफ जनता का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। लॉस एंजिल्स से शुरू हुआ विरोध अब न्यूयॉर्क, शिकागो, अटलांटा, सैन फ्रांसिस्को, डलास, ह्यूस्टन और वाशिंगटन डीसी सहित 20 से अधिक शहरों में फैल गया है। इन प्रदर्शनों ने अमेरिकी प्रशासन के भीतर कानूनी और राजनीतिक टकराव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है।

प्रदर्शन की शुरुआत लॉस एंजिल्स से हुई जहां प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़कों को जाम कर दिया। ट्रैफिक पूरी तरह बाधित हो गया और पुलिस के हेलीकॉप्टर लगातार क्षेत्र में मंडराते रहे। यहां के हालात अराजकता की ओर बढ़ते दिखे।

शिकागो में प्रदर्शनकारियों ने डाउनटाउन लूप में मार्च किया, जिससे कुछ देर तक यातायात ठप रहा। न्यूयॉर्क में फेडरल इमिग्रेशन बिल्डिंग के पास लोअर मैनहट्टन से एक बड़ा विरोध मार्च निकाला गया। एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को में कई प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई है।

अटलांटा के बुफोर्ड हाईवे पर करीब 1,000 प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हुई। डोराविले में हुए मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया। पुलिस ने तुरंत अतिरिक्त बलों की तैनाती की।

सैन फ्रांसिस्को, सिएटल, ह्यूस्टन, डलास और वाशिंगटन डीसी जैसे बड़े शहरों में भी लोग सड़कों पर उतर आए। ह्यूस्टन और सैन एंटोनियो में प्रदर्शन अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहे, जबकि ऑस्टिन पुलिस ने ड्राइवरों को सतर्क रहने की चेतावनी दी।

फोर्ट ब्रैग में सेना की 250वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन प्रदर्शनों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लॉस एंजिल्स के प्रदर्शनकारियों को ‘जानवर’ और ‘विदेशी दुश्मन’ करार दिया। ट्रंप ने वहां 4,000 नेशनल गार्ड और 700 मरीन की तैनाती का बचाव करते हुए लॉस एंजिल्स को “स्वतंत्र, स्वच्छ और सुरक्षित” बनाने की कसम खाई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वे ‘विद्रोह अधिनियम’ लागू करने पर भी विचार कर सकते हैं।

कैलिफोर्निया में एक फेडरल जज ने सैन्य बलों के उपयोग को प्रतिबंधित करने की मांग पर गुरुवार दोपहर सुनवाई तय की है। इस मुद्दे ने घरेलू कानून व्यवस्था में सेना के इस्तेमाल और संघीय बनाम राज्य अधिकारों के बीच की खींचतान को एक राष्ट्रीय बहस में बदल दिया है।

अमेरिका इन दिनों एक गहरे राजनीतिक और संवैधानिक संकट के दौर से गुजर रहा है, जहां इमिग्रेशन के बहाने सत्ता, कानून और सड़कों पर आम जनता आमने-सामने खड़ी है। आने वाले दिनों में यह विरोध और तेज होने की संभावना है, और देश की राजनीतिक दिशा पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।

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