देश में एक बार फिर कोरोना वायरस की वापसी ने चिंता बढ़ा दी है। कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी दी है कि यह वैरिएंट अधिक संक्रामक है और खासतौर पर बुजुर्गों और कम इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में 1009 सक्रिय केस दर्ज किए जा चुके हैं, जो इस साल का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
डॉ. गुलेरिया के मुताबिक, JN.1 वैरिएंट को पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था, लेकिन अब यह डॉमिनेंट वैरिएंट बन चुका है। इसमें ऐसे म्यूटेशन हैं जो इसे पहले से ज्यादा इन्फेक्टिव बनाते हैं। यह वैरिएंट शरीर की इम्यूनिटी को चकमा देकर संक्रमण फैलाता है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज, हार्ट डिजीज, या इम्यूनिटी कम करने वाली दवाओं पर रहने वाले बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
ज़रूरी सावधानी के तौर पर लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और यदि जाना जरूरी हो, तो मास्क पहनना न भूलें। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है। साथ ही, नियमित रूप से हाथों की साफ-सफाई बनाए रखें और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करते रहें। यदि किसी को बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ जैसी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपनी जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें।
देश के जिन राज्यों में JN.1 वैरिएंट का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है, उनमें केरल सबसे आगे है, जहां 430 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 209, दिल्ली में 104 और कर्नाटक में 47 सक्रिय मामले सामने आए हैं। इन राज्यों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें निगरानी और इलाज में जुटी हैं तथा लोगों को सावधानी बरतने की लगातार सलाह दी जा रही है।
दिल्ली और केरल में हालत सबसे अधिक चिंताजनक हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की जा रही है।
मध्य प्रदेश के इंदौर में दो नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इनकी जाँच JN.1 वैरिएंट की पुष्टि के लिए भेजी गई है। वहीं, पश्चिम बंगाल में चार नए मामलों के साथ कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों से ये केस सामने आए हैं। मरीजों को सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
देश के अलग-अलग राज्यों में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो चुका है। जांच, इलाज और निगरानी की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि कोरोना को हल्के में न लें और हर जरूरी एहतियात बरतें।
भले ही टीकाकरण और पिछले अनुभवों के चलते हालात पहले जैसे गंभीर न हों, लेकिन JN.1 वैरिएंट की संक्रामक प्रकृति और तेजी से फैलाव चिंताजनक है। खासकर बुजुर्गों और बीमार लोगों को इस समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी ताकि यह लहर विकराल रूप न ले सके।
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