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Sunday, July 13, 2025
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हिमाचल में कुदरत का कहर: एक ही रात 17 जगह फटे बादल, 18 की मौत, 34 लापता!

करसोग में बादल फटने से पुराना बाजार नेगली पुल से चार लोग लापता हैं, जबकि एक शव बरामद कर लिया गया है। यहां छह घरों को नुकसान पहुंचा है। 

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हिमाचल प्रदेश में सोमवार रात को 17 जगह बादल फटे हैं। मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नौर जिले में एक-एक जगह बादल फटा है। मंडी जिले में बारिश, बादल फटने और ब्यास नदी व नालों के रौद्र रूप से भारी तबाही हुई है। मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान चली गई है। 33 लोग अभी लापता हैं। दर्जनों लोग घायल हो गए हैं।
332 लोगों को जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है। अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। 30 पशुओं की मौत हो गई है। कुकलाह के समीप पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं।​ 
थुनाग उपमंडल में कुकलाह में भी रात को बादल फटने से आई बाढ़ में करीब आठ घरों के साथ 24 लोग बह गए। मंगलवार शाम को 9 शव मिले हैं, जबकि 21 लोग लापता है। गोहर उपमंडल के स्यांज में सोमवार रात को बादल फटने से नौ लोगों के साथ दो घर बह गए।
इनमें दो के शव मिले हैं। बाड़ा में एक घर के ढहने से छह लोग दब गए। इनमें से चार को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि दो के शव बरामद हुए हैं। बस्सी में फंसे दो लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि परवाड़ा में मकान बहने के कारण एक ही परिवार के दो सदस्य लापता हैं।
एक शव बरामद कर लिया गया है। करसोग में बादल फटने से पुराना बाजार नेगली पुल से चार लोग लापता हैं, जबकि एक शव बरामद कर लिया गया है। यहां छह घरों को नुकसान पहुंचा है।

एनडीआरएफ ने लापता लोगों की खोज के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। टिकरी प्रोजेक्ट से करीब दो दर्जन लोग रेस्क्यू किए गए हैं। केलोधार में घर ढहने के कारण फंसे आठ लोगों को रेस्क्यू किया गया। लस्सी मोड़ में एक कार व रैल चौक में चार मवेशी बह गए। पटिकरी में 16 मेगावाट का एक पावर प्रोजेक्ट भी बाढ़ में बह गया। इसका नामोनिशान तक नहीं रहा है।

करसोग उपमंडल के कुट्टी नाला में सोमवार रात नदी किनारे सात लोग फंस गए। इन्हें एनडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित बचाया। इसके अलावा एक घायल को भी रेस्क्यू किया। करसोग इमला खड्ड में रिक्की गांव से सात लोगों को सुरक्षित बचाया गया।
करसोग बाईपास से भी सात लोग रेस्क्यू किए गए। करसोग कॉलेज से 12 छात्रों और चार महिलाओं को रेस्क्यू किया गया। बाढ़ के चलते इन सभी जगहों में भारी नुकसान हुआ है।

सोमवार रात ब्यास नदी का पानी मंडी शहर में घुसने से रातभर लोगों में अफरातफरी मची रही। जल भराव के कारण पंडोह बाजार रात को ही खाली करवाना पड़ा। कुल्लू के आनी बैहना में कारशा नाले में बादल फटने से एनएच पूरी तरह बंद हो गया है।

किन्नौर में सांगला तहसील के खरोगला में भी बादल फटा है। वहीं, चंबा में धुंध के चलते सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई है जबकि कांगड़ा में ब्यास पुल नादौन के पास पंचायत घुरकाल के नजदीक निर्माणाधीन पुल के नीचे एक महिला का शव बरामद हुआ है।
धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव में बादल फटने की घटना के बाद दो घर और पांच गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। जोगिंद्रनगर उपमंडल में नेरी कोटला में एक अज्ञात शव बरामद हुआ है। सदर उपमंडल में मंडी शहर में पैलेस कॉलोनी, टारना और डाइट मंडी में जलभराव व भारी बारिश के चलते 56 लोगों को रेस्क्यू किया गया।

करसोग के रिक्की, कुट्टी, ओल्ड बाजार, गोहर के स्यांज, बाड़ा, बस्सी, परवाड़ा, तलवाड़ा, कैलोधार, धर्मपुर के त्रियंबला, भडराना, थुनाग के कुटाह, लस्सी मोड़, रेल चौक, पट्टीकारी।

विजिबिलिटी कम होने के कारण कांगड़ा की चार फ्लाइटें रद्द हो गईं। केवल दिल्ली से फ्लाइट गगल हवाई अड्डा पहुंची। इंडिगो की दिल्ली से दो और एक चंडीगढ़ से एक फ्लाइट रद्द हुई। स्पाइट जेट की दिल्ली से एक उड़ान आई और दूसरी रद्द रही। बारिश के कारण भुंतर हवाई अड्डे के लिए भी हवाई सेवा ठप रही।

हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल के बल्लह गांव में ब्यास नदी के बढ़े जलस्तर के कारण जलभराव होने से 51 लोग फंस गए, जिन्हें पांच घंटे बाद रेस्क्यू किया गया। औद्योगिक क्षेत्र नादौन में पानी भर गया है। हमीरपुर-मंडी निर्माणाधीन एनएच समेत कई सड़कें बाधित हैं। हमीरपुर शहर सहित जिले में ब्यास नदी और अन्य खड्डों से संचालित सैकड़ों पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने से ब्लैकआउट हो गया है।

हिमाचल में छह दिनों तक लगातार बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। इनमें चार दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि दो दिन येलो अलर्ट है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बुधवार को सोलन, सिरमौर और कांगड़ा में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। तीन और चार जुलाई को पूरे प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

पांच से सात जुलाई तक अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के कुछ क्षेत्रों में अगले 24 घंटों के दौरान बाढ़ की आशंका है। वहीं, राज्य के कुछ हिस्सों में सामान्य और कुछ में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के चलते 406 सड़कें बंद हो गई हैं। पानी की 171 स्कीमें पूरी तरह से ठप हो गई हैं। जिला मंडी में सबसे ज्यादा 248 सड़कें, कांगड़ा में 55, कुल्लू में 37, शिमला में 32, सिरमौर में 21, चंबा में 6, हमीरपुर, ऊना में 4 सोलन में 2, हमीरपुर और किन्नौर में एक-एक सड़क बंद है। हिमाचल में 1515 बिजली ट्रांसफार्मर ठप होने से कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट है।

हिमाचल में भारी बारिश और जगह-जगह बादल फटने से भारी तबाही के बीच मंगलवार को मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में सोमवार को स्कूल बंद रहे।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में सोमवार रात को मंडी जिले सहित कई जगहों पर आठ बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। प्रारंभिक आकलन में 500 करोड़ के नुकसान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि नदी-नालों के किनारे पर न जाएं। सभी लोग नदी-नालों से करीब 500 मीटर की दूरी बनाए रखें।

हिमाचल प्रदेश में भारी मूसलाधार बारिश के चलते 20 जून से 1 जुलाई तक 35667.24 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। आपदा प्रबंधन की ओर से नुकसान का आकलन जारी है। लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति, बिजली बोर्ड से और भी डाटा एकत्र किया जा रहा है।

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