पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त नीति के तहत छोटे वीजा पर भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में जब भारत ने अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी के लिए व्यवस्था की, तो पाकिस्तान ने अचानक अपनी सीमा बंद कर दी, जिससे सीमा पर मौजूद दर्जनों पाकिस्तानी नागरिक असमंजस की स्थिति में फंस गए।
लेकिन शुक्रवार (2 मई) को पाकिस्तान ने बिना किसी औपचारिक घोषणा के अटारी-वाघा बॉर्डर को फिर से खोल दिया, जिससे भारत में फंसे उसके नागरिकों को बड़ी राहत मिली। सीमा पर गुरुवार को पैदा हुई तनातनी और असहज हालात के बाद, यह फैसला देर से ही सही, मानवीय दृष्टिकोण से एक जरूरी कदम माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने वैध दस्तावेज रखने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षित और व्यवस्थित वापसी के लिए पूरी व्यवस्था कर रखी थी। कई पाकिस्तानी नागरिक अपने परिवारों, बच्चों और बुजुर्गों के साथ अटारी स्थित एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) पर पहुंच चुके थे, लेकिन पाकिस्तानी सीमा पर दरवाजे बंद कर दिए गए थे। गर्मी और अनिश्चितता के बीच उन्होंने पूरी रात वहीं गुजारी।
इस बीच पाकिस्तान सरकार की ओर से सीमा बंद करने के कारणों को लेकर कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। वहीं भारत सरकार ने अपनी ओर से यह स्पष्ट किया कि जिनके पास वैध कागजात हैं, उन्हें सीमा पार जाने से नहीं रोका जाएगा।
Attari, Punjab: Families intending to return to Pakistan have started arriving at the Attari-Wagah Border. However, despite the gates being scheduled to open at 10:00 AM, no movement has been observed and the BSF has not allowed anyone to cross pic.twitter.com/SBRq7YJClq
— IANS (@ians_india) May 2, 2025
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द भारत छोड़ने के निर्देश दिए थे। उस हमले के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के संबंधों में तनाव और अधिक बढ़ गया है।
सीमा पार आवागमन अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, लेकिन राजनयिक स्तर पर अब भी खामोशी और तनाव कायम है। पाकिस्तान ने न तो गुरुवार की सीमा बंदी पर कोई टिप्पणी की और न ही शुक्रवार को सीमा खोले जाने की पुष्टि की।
यह घटनाक्रम भारत-पाक संबंधों की संवेदनशीलता और दोनों देशों के बीच गहराते अविश्वास को एक बार फिर उजागर करता है, जहां मानवीय संकटों पर भी राजनीति हावी रहती है।
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