भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के हमले का करारा जवाब देने के बाद अब उसका असर इस्लामाबाद की सियासी फिजाओं में भी देखा जा रहा है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में गुरुवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की खामोशी को लेकर जमकर नाराजगी जताई गई। सांसदों ने प्रधानमंत्री को ‘बुजदिल’ तक कह डाला और भारतीय नेतृत्व के सामने उनके कथित ‘साफ्ट स्टैंड’ को कठघरे में खड़ा कर दिया।
पाकिस्तान के सांसद शाहिद अहमद खट्टक ने नेशनल असेंबली में कहा, “भारत के रुख पर उनका (पीएम शहबाज शरीफ) कोई बयान नहीं आया है। मुझे टीपू सुल्तान का वो बयान याद आ रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर एक लश्कर का सरदार शेर हो और उसके साथ गीदड़ हों, तो वो शेरों की तरह लड़ते हैं। लेकिन, अगर शेरों के लश्कर का सरदार गीदड़ हो, तो वो लड़ नहीं सकते और जंग हार जाते हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए आगे कहा, “इस वक्त बॉर्डर पर खड़ा हमारा फौजी ये उम्मीद रखता है कि हमारा नेता, जो हमारा चेहरा है, जो हमारी ताकत का आइना है, वो सियासी तौर पर भी उतना ही दमदार हो। वो दुश्मन से मुकाबला करने की हिम्मत रखें, लेकिन जब आपका वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ) बुजदिल हो और वो मोदी का नाम तक न ले पाए, तो आप सीमा पर लड़ने वाले जवान को क्या संदेश दे रहे हैं?”
गुरुवार (8 मई) को ही पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो वायरल हुआ जिसमें नेशनल असेंबली के सदस्य और पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर ताहिर इकबाल संसद में भावुक होकर रो पड़े। उन्होंने देश की मौजूदा स्थिति को लेकर अपनी पीड़ा खुलकर जाहिर की।
ताहिर इकबाल ने असेंबली में कहा था, “हम अपनी कौम से कहते हैं कि सब मिलकर चलो और अपने रब से दुआ करो कि हम सबकी हिफाजत करें। इस मुल्क की रक्षा करें।” उन्होंने यह भी कहा, “अल्लाह ने चाहा कि पाकिस्तान बने और उन्होंने ही इस मुल्क को बनाया है। अब वही इसकी हिफाजत करेंगे।”
भावुकता के साथ उन्होंने रोते हुए कहा, “अल्लाह, तू हमें माफ कर दे। हम तेरे सामने सर झुकाते हैं, माफी मांगते हैं और इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम तेरे बड़े गुनहगार हैं।”
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