पाकिस्तान के साथ जारी तनावपूर्ण हालात के बीच शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय में एक बेहद अहम उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त रक्षा सचिव आरके सिंह ने भी इस रणनीतिक बैठक में भाग लिया।
बैठक में हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके पश्चात उत्पन्न सीमावर्ती हालात की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों पर किए गए हमलों, उनकी प्रभावशीलता, और भारतीय जवाबी कार्रवाई पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, आगे की सैन्य रणनीति, तैनाती, और जवाबी ऑपरेशन की संभावनाओं पर भी विचार किया गया।
भारतीय सेना ने बैठक में बताया कि एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की मदद से पाकिस्तान द्वारा दागी गई आठ मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया गया, जो जम्मू-कश्मीर को निशाना बना रही थीं। इसके अलावा, पाकिस्तान के कई ड्रोन हमलों को भी भारतीय बलों ने नाकाम करते हुए कई ड्रोन मार गिराए।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री को विस्तृत जानकारी दी कि पाकिस्तान ने किस-किस स्थान पर, किन-किन हथियारों से हमले किए, और भारत ने किस प्रकार की त्रिस्तरीय डिफेंस रणनीति के तहत इन हमलों को नाकाम किया। साथ ही यह भी साझा किया गया कि जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक के विभिन्न इलाकों में भारत ने जवाबी कार्रवाई में किन ठिकानों को टारगेट किया।
पाकिस्तान ने बीती रात जम्मू-कश्मीर, पठानकोट, फिरोजपुर, कपूरथला, जालंधर, जैसलमेर सहित पश्चिमी सीमा से सटे कई क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, जिसमें लड़ाकू विमान, मिसाइल, रॉकेट और ड्रोन का उपयोग किया गया। लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से एस-400 और अन्य स्थानीय इंटरसेप्शन तकनीकों ने इन हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
रक्षा मंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि भारतीय सेनाओं की तैनाती, युद्ध स्तर की तैयारी, और जवाबी योजनाएं पूरी तरह सक्रिय हैं। सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई सटीक, रणनीतिक और संयमित रही है, जिसका मकसद सिर्फ आतंक और हमलों का जवाब देना है, न कि युद्ध को बढ़ावा देना। भारत की यह रणनीति यह दर्शाती है कि हर मोर्चे पर देश पूरी तरह सतर्क और सक्षम है, और किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
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