योग की वैश्विक स्वीकृति और भारत की भूमिका: पीएम मोदी ने कहा कि आज योग सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व का सांस्कृतिक और स्वास्थ्य मार्गदर्शक बन चुका है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किए जाने की बात को याद करते हुए कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत की वैश्विक स्वीकृति का प्रमाण है। “आज पूरी दुनिया भारत से योग सीख रही है और इसे अपने जीवन का हिस्सा बना रही है।”
योग दिवस 2025 की प्रमुख उपलब्धियां: पीएम मोदी ने बताया कि 2025 के योग दिवस पर भारत सहित 100 से अधिक देशों में सामूहिक योग अभ्यास किया गया। इस वर्ष का विषय था: “Yoga for Unity and Wellbeing” (एकता और कल्याण के लिए योग)। उन्होंने कहा कि अलग-अलग महाद्वीपों, संस्कृतियों, भाषाओं और धर्मों के लोग एक ही समय पर योगाभ्यास कर रहे थे – यह विश्व बंधुत्व की सशक्त अभिव्यक्ति है।
आम नागरिकों की भागीदारी की सराहना: मोदी ने विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और ग्रामीण भारत के नागरिकों को धन्यवाद दिया जो बड़ी संख्या में योग दिवस कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि अब योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन शैली बन चुका है। “आज योग भारत का एक ब्रांड बन चुका है, और हर भारतीय इसका ब्रांड एंबेसडर है।”
स्वास्थ्य और सामाजिक सुधारों में योग की भूमिका: पीएम मोदी ने बताया कि कैसे योग ने भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति ला दी है| तनाव और अवसाद में कमी| रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि| बीमारियों की रोकथाम में मदद| जीवन में सकारात्मकता और अनुशासन| योग ने व्यक्तिगत से लेकर सामाजिक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य में सकारात्मक प्रभाव डाला है।
प्रधानमंत्री की अपील और मार्गदर्शन: मोदी ने नागरिकों से अपील की कि वे योग को रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाएं| समाज में इसके लाभों का प्रचार करें| अपने परिवार और मोहल्ले में योग सत्र आयोजित करें| उन्होंने स्कूलों, कार्यालयों और पंचायतों को योग अभ्यास नियमित रूप से कराने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया कि योग न केवल एक स्वास्थ्य अभ्यास है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, पहचान और विश्व में योगदान का प्रतीक भी है। उन्होंने इसे एक आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और सामाजिक आंदोलन बताया जो भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान कर रहा है।
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