रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी (JFK) की हत्या से जुड़ी एक सुपर-सीक्रेट सोवियत समय की फाइल अमेरिका को सौंप दी है। यह फाइल 350 पृष्ठों से अधिक की है और इसमें एक गुप्त “वर्ल्ड पीस ब्रिज” का नक्शा शामिल है, जो अमेरिका और रूस (तत्कालीन यूएसएसआर) को जोड़ने की योजना का प्रतीक है। विशेषज्ञ अब इस दस्तावेज़ का अनुवाद कर रहे हैं, और यह खुलासा वैश्विक कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय गठबंधनों को हिला सकता है। फाइल में ‘कैनेडी-ख्रुश्चेव वर्ल्ड पीस ब्रिज’ का उल्लेख है, जो उत्तरी अमेरिका और एशिया को जोड़ने वाले बेरिंग सागर के पार स्थित है। नक्शे पर हाथ से लिखा गया नोट है,”अलास्का और रूस के बीच तुरंत बनाया जा सकता और बनना चाहिए।”
फ्लोरिडा की प्रतिनिधि एना पौलीना लूना ने यह दस्तावेज़ ऑनलाइन साझा किया। उन्होंने लिखा, “यह रिपोर्ट रूस के राजदूत द्वारा मुझे सौंपा गया और अब अमेरिकी जनता के लिए उपलब्ध है। विशेषज्ञ दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच कर रहे हैं, फिलहाल इन्हें प्रामाणिक माना जा रहा है।” रूसी मीडिया आउटलेट स्पुतनिक ने इसे क्रेमलिन की JFK हत्या पर आधिकारिक खोज बताया।
जॉन एफ. कैनेडी की हत्या 22 नवंबर 1963 को डलास, टेक्सास में हुई थी। आधिकारिक वॉरेन कमीशन (1964) ने निष्कर्ष निकाला कि पूर्व मरीन ली हार्वी ऑस्वाल्ड ने अकेले यह कृत्य किया। हालांकि, अन्य थ्योरीज़ में CIA, माफिया या अमेरिकी सरकार के कुछ तत्वों की संलिप्तता की संभावना भी बताई गई।

फाइल की सौंपने का समय भी महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेज़बानी की थी और दोनों आगामी हफ्तों में बुडापेस्ट में फिर मिलने वाले हैं। अलास्का अमेरिका का वह हिस्सा है जो रूस के सबसे करीब है, और बेरिंग स्ट्रेट पर दोनों देशों के द्वीप लिटिल डायोमेड (यूएस) और बिग डायोमेड (रूस) के बीच केवल 4 किलोमीटर का अंतर है।
पुतिन के निवेश प्रतिनिधि किरिल द्मित्रिएव ने X पर फाइल में दिखाए गए ब्रिज का नक्शा साझा करते हुए लिखा कि आधुनिक The Boring Company तकनीक की मदद से इसे 8 बिलियन डॉलर से कम लागत में “पुतिन–ट्रंप टनल” के रूप में बनाया जा सकता है। यह टनल ट्रेन और कार दोनों के लिए प्रस्तावित है।
जियोपॉलिटिकल विशेषज्ञ इस योजना को लेकर उत्साहित हैं। 2016 में शिलर इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बेरिंग स्ट्रेट टनल को एक ऐसे प्रतीक के रूप में देखा गया, जो ब्रिटिश साम्राज्यवादी कूटनीति के अंत और अमेरिका, रूस, चीन व भारत के बीच नए युग की शांति की दिशा में कदम हो सकता है।
इंटरनेट जियोपॉलिटिक्स विश्लेषक मारियो नॉफल ने कहा, “कुछ लोग इसे पुतिन–ट्रंप टनल के रूप में पुनर्जीवित कर रहे हैं, जो यूरेशिया और अमेरिका को जोड़ सकता है।” उन्होंने फाइल सौंपने के समय पर सवाल उठाते हुए लिखा, “पुतिन इस समय अमेरिकी कंजरवेटिव्स को यह शीत युद्ध-की संवेदनशील जानकारी क्यों दे रहे हैं?”
विशेषज्ञों का कहना है कि फाइल की प्रामाणिकता और इसका प्रभाव स्पष्ट होने में समय लगेगा। लेकिन कैनेडी-ख्रुश्चेव वर्ल्ड पीस ब्रिज की खोज, जिसे अब ट्रंप–पुतिन टनल के रूप में देखा जा रहा है, वैश्विक कूटनीति, गठबंधनों और अंतर्राष्ट्रीय रिश्तों में बड़ा बदलाव ला सकती है।
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