29 C
Mumbai
Saturday, July 27, 2024
होमदेश दुनियापुतिन ने भारत के हितों की रक्षा के लिए की प्रधानमंत्री नरेंद्र...

पुतिन ने भारत के हितों की रक्षा के लिए की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा

पुतिन ने कहा, "मैंने हमेशा प्रधानमंत्री मोदी को एक मजबूत नेता के रूप में देखा है, लेकिन उनकी राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कठोर रुख से मैं सचमुच हैरान हूं।"

Google News Follow

Related

प्रशांत कारुलकर

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक चौंकाने वाले बयान में कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “कठोर रुख” से हैरान हैं, जब बात भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा की आती है।

पुतिन ने हाल ही में कहा, “मैंने हमेशा प्रधानमंत्री मोदी को एक मजबूत नेता के रूप में देखा है, लेकिन उनकी राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कठोर रुख से मैं सचमुच हैरान हूं।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि यह भारत के लिए एक अच्छा संकेत है। एक मजबूत और निर्णायक नेतृत्व की आवश्यकता है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है।”

पुतिन की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत और रूस के बीच संबंध कुछ तनावपूर्ण रहे हैं। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर मतदान से परहेज किया है। हालांकि, भारत ने रूस को तेल और अन्य सामानों के आयात को जारी रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की टिप्पणी को भारत के साथ संबंधों को सुधारने के एक प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। भारत एक महत्वपूर्ण बाजार है और रूस के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है।

क्या हैं पुतिन के बयान के निहितार्थ?

पुतिन के बयान के कई निहितार्थ हैं:

भारत के लिए मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता: पुतिन अपने बयान में इस बात को रेखांकित करते हैं कि भारत को एक मजबूत और निर्णायक नेतृत्व की आवश्यकता है। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है।

भारत के बढ़ते महत्व की मान्यता: रूस भारत के बढ़ते महत्व को मान्यता देता है और उसके साथ संबंध सुधारने का इच्छुक है। भारत एक बड़ा और तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है और रूस के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है।

भारत की कूटनीतिक स्वतंत्रता का सम्मान: पुतिन ने इस बात को स्वीकार किया है कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करता है और अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखता है। यह एक सकारात्मक संकेत है जो दर्शाता है कि रूस भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा।

पुतिन के बयान से भारत और रूस के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है। हालांकि, दोनों देशों के बीच अभी भी कई चुनौतियां हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।

यूक्रेन पर युद्ध:  यूक्रेन पर युद्ध भारत और रूस के बीच एक प्रमुख तनावपूर्ण मुद्दा है। भारत को रूस को इस युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

अमेरिका के साथ संबंध: भारत और रूस के बीच घनिष्ठ संबंधों से अमेरिका असहज हो सकता है। भारत को अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करते हुए रूस के साथ संबंधों को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है।

कुल मिलाकर, पुतिन का बयान भारत और रूस के बीच संबंधों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, दोनों देशों के बीच अभी भी कई चुनौतियां हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत को एक मजबूत और निर्णायक नेतृत्व का प्रदर्शन जारी रखना चाहिए और अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखना चाहिए।

ये भी पढ़ें 

भारत और सीओपी-28

भाजपा की जीत का सूत्र

महुआ मोइत्रा की संसद की सदस्यता खत्म, BJP ने हर सवाल का दिया जवाब  

कांग्रेस सांसद के ठिकानों से 100 करोड़ रुपये की नकदी बरामद, सियासत तेज   

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,488फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
167,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें