कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में कड़े शब्दों में कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले जैसे घटनाओं को अब भारत किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे हमलों की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। थरूर इस समय अमेरिका में भारतीय सांसदों के एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
थरूर ने यह बात अमेरिका में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कही, जहां उन्होंने और अन्य सांसदों ने विभिन्न अमेरिकी थिंक टैंक्स से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “भारत यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगा कि सीमा पार से आकर कोई हमारे नागरिकों को मारे और उसे सजा भी न मिले।”
प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, भाजपा, लोजपा, झामुमो, शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी समेत कई दलों के सांसद शामिल हैं। इनमें शांभवी चौधरी, सरफराज अहमद, जी.एम. हरीश बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर कलिता और मिलिंद देवड़ा शामिल हैं। अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी इस शिष्टमंडल में मौजूद हैं।
थरूर ने कहा कि अमेरिका में जहां-जहां प्रतिनिधिमंडल गया, उन्हें समर्थन और एकजुटता का अनुभव हुआ। “हम जहां भी गए वहां हमें पूरी समझ और एकजुटता मिली। हम इन्हीं दो चीजों के लिए यहां आए थे,” उन्होंने कहा। साथ ही उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत अब एक विकासशील लेकिन आत्मनिर्भर और मजबूत राष्ट्र है जो अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
उन्होंने आतंकवाद पर खुलकर बात करते हुए कहा, “जो इस तरह के योजनाबद्ध और मिलिट्री स्टाइल में किए गए हमले होते हैं, तो इसकी कीमत जरूर चुकानी होगी। ऐसे हमलों की सज़ा जरूर होगी और यह बहुत ही मजबूत संदेश था जो हमने भेजा।”
इससे पहले थरूर और उनके साथियों ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस से मुलाकात की। इस दौरान आतंकवाद से निपटने, तकनीकी सहयोग बढ़ाने और भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने जैसे अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
शशि थरूर ने इस मुलाकात के बाद ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “वाशिंगटन डी.सी. में आज हमारे प्रतिनिधिमंडल के साथ उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस के साथ शानदार बैठक हुई। आतंकवाद विरोधी प्रयासों से लेकर तकनीकी सहयोग बढ़ाने तक, हमने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। यह भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में बेहद रचनात्मक और उत्पादक बातचीत रही।”
भारत की ओर से स्पष्ट संकेत है कि अब आतंकी घटनाओं पर केवल कड़ी निंदा नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मांग होगी। शशि थरूर के बयानों को इसी दिशा में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।
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