“Make in India” पहल के तहत भारत में बनी कारें अब जापान जैसे उन्नत बाजारों में तेजी से अपनी जगह बना रही हैं। नई रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुज़ुकी मोटर्स (Suzuki Motors) अब जापान की सबसे बड़ी कार आयातक कंपनी बन चुकी है, और इसकी वजह हैं भारत में बनी जिम्नी नोमॅड और फ्रॉन्क्स जैसी गाड़ियों की मांग अप्रत्याशित उछल गई है।
जून 2025 में सुज़ुकी मोटर्स ने जापान में 4,780 गाड़ियाँ आयात कीं, जो पिछले साल की तुलना में 230 गुना अधिक है। इनमें से अधिकतर वाहन भारत में निर्मित जिम्नी नोमॅड और फ्रॉन्क्स मॉडल हैं। जिम्नी नोमॅड पांच-दरवाजों वाली SUV है, जिसने 4 दिन में 50,000 प्री-ऑर्डर पाकर रिकॉर्ड बनाया है। यह ऑर्डर्स इतने सारे है की कंपनी को अस्थायी रूप से ऑर्डर लेना बंद करना पड़ा।
भारत सरकार की “Make in India” नीति के तहत यह गाड़ियाँ हरियाणा के गुड़गांव और मानेसर प्लांट में बनती हैं और वहीं से निर्यात की जाती हैं। इनका निर्माण लागत जापान की तुलना में करीब 30% कम है, जिससे ये गाड़ियाँ न केवल सस्ती बल्कि गुणवत्ता में भी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती हैं।
जापानी ग्राहकों को क्यों पसंद आ रहीं भारतीय गाड़ियाँ?
- कॉम्पैक्ट डिज़ाइन: जापान जैसे शहरी देशों में छोटी गाड़ियाँ ज्यादा पसंद की जाती हैं। Jimny Nomad का साइज (3,890 मिमी) शहर की सड़कों के लिए उपयुक्त है।
- ऑफ-रोड क्षमताएँ: Jimny की ऑफ-रोड परफॉर्मेंस जापानी एडवेंचर प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है।
- 5-दरवाजों वाला वर्ज़न: पहले मौजूद 3-दरवाजों वाली Jimny के मुकाबले Nomad अधिक उपयोगी और पारिवारिक उपयोग के लिए सुविधाजनक है।
- कीमत में प्रतिस्पर्धा: जापान में इसकी कीमत लगभग 2.65 मिलियन येन (₹14.8 लाख या $18,300) है, जो वहाँ के बाजार के लिए काफी प्रतिस्पर्धात्मक मानी जाती है।
- ब्रांड की परवाह से ज़्यादा मॉडल की पसंद: जापानी विश्लेषकों का मानना है कि ग्राहक यह नहीं देखते कि गाड़ी कहाँ बनी है, बल्कि कौन सा मॉडल है – यह ज्यादा मायने रखता है।
Made in India, loved in Japan..🇮🇳🚗 pic.twitter.com/rXCOLq6PVX
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 5, 2025
“Make in India” की सफलता:
“Make in India” पहल के अंतर्गत, भारत अब वैश्विक ऑटोमोटिव निर्यात में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में, जापान को भारत से कार निर्यात $616.45 मिलियन तक पहुँच गया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष FY24 के $220.62 मिलियन से तीन गुना से अधिक है।
वित्तीय वर्ष | निर्यात मूल्य (USD मिलियन) | प्रमुख मॉडल | मुख्य निर्यातक कंपनियाँ |
---|---|---|---|
FY24 | 220.62 | Jimny, Fronx | Maruti Suzuki, Honda |
FY25 (9 months) | 616.45 | Jimny Nomad, Elevate | Maruti Suzuki, Honda |
बता दें की मारुति सुज़ुकी भारत के कुल ऑटोमोबाइल निर्यात का लगभग 42% हिस्सा अकेले ही करती है, जिससे यह देश की सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी बन गई है। इसके अलावा, होंडा इंडिया ने भी अपनी SUV मॉडल इलेवेट के 45,000 से अधिक यूनिट्स जापान को निर्यात किए हैं, जो उनकी घरेलू बिक्री से भी अधिक हैं।
यह दर्शाता है कि जापान जैसे विकसित बाजारों में भारतीय कारों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। अब कंपनियाँ ई-विटारा जैसे इलेक्ट्रिक मॉडल्स को भी जापान और यूरोप जैसे बाजारों में भेजने की योजना बना रही हैं, जिससे भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात भविष्य में और अधिक विस्तार की ओर अग्रसर है।
कभी भारतीय कार प्रेमी जापान में बनीं कारों को उच्चस्तरीय और गुणवत्तापूर्ण मानते थे, भारत में जापान से निर्मीत कारों की आयात बड़ी थी लेकीन, आज परिस्थिती में कुछ उलटफेर नज़र आता है। Jimny Nomad और Fronx जैसी गाड़ियों की अपार सफलता और जापान जैसे उन्नत बाजारों में उनका तेजी से बढ़ता निर्यात दर्शाता है कि भारत गुणवत्ता, कीमत और डिजाइन के संतुलन के साथ वैश्विक ऑटोमोटिव मंच पर मजबूती से उभर रहा है। “Make in India” एक वैश्विक ब्रांडिंग रणनीति बन चुका है। भारत की कारें अब न केवल भारतीय सड़कों पर बल्कि जापान जैसे देशों में भी गर्व से दौड़ रही हैं।
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