ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हालिया हमलों के बाद पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है। इस पर चिंता जताते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यह कदम “प्रतिशोध के विनाशकारी दलदल” की ओर ले जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में गुटेरेस ने कहा, “ईरानी न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका के अटैक से उस क्षेत्र में एक खतरनाक मोड़ आया है, जो पहले से ही संकट से जूझ रहा है।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह समय टकराव नहीं, बल्कि संयम और संवाद को प्राथमिकता देने का है।
गुटेरेस ने याद दिलाया कि वह इजराइल-ईरान संकट की शुरुआत से ही सैन्य संघर्ष की आलोचना करते आए हैं। उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र की जनता विनाश के एक और चक्र को सहन नहीं कर सकती। इसके बावजूद हम लगातार प्रतिशोध की लड़ाई में उतरने का जोखिम उठा रहे हैं।”
महासचिव ने आगे कहा कि आगे किसी भी उकसावे से बचने के लिए कूटनीति को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने जोर दिया कि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और समुद्री मार्गों की सुरक्षित आवाजाही बनी रहे। उनके अनुसार, “हमें लड़ाई को रोकने और ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर गंभीर, निरंतर बातचीत पर लौटने के लिए तत्काल और निर्णायक रूप से काम करना चाहिए।”
गुटेरेस ने विश्वास बहाली के लिए एक विश्वसनीय और सत्यापन योग्य समाधान की अपील की, जिसमें इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की निगरानी अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) वैश्विक शांति और सुरक्षा की आधारशिला है, और ईरान को इसका पूरी तरह से सम्मान करना चाहिए।
महासचिव ने सभी सदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और मानवीय नियमों के तहत जिम्मेदारी से कार्य करने की अपील की। उन्होंने दो टूक कहा, “संयुक्त राष्ट्र शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में किसी भी और सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है। लेकिन शांति थोपी नहीं जा सकती, इसे चुना जाना चाहिए।”
गुटेरेस के अनुसार, आज विश्व एक चौराहे पर खड़ा है – एक रास्ता है युद्ध, मानवीय पीड़ा और व्यवस्था का विघटन; जबकि दूसरा रास्ता है कूटनीति, संवाद और तनाव में कमी का। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि कौन सा रास्ता सही है।” गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद और सभी सदस्य राष्ट्रों से आग्रह किया कि वे संयम, विवेक और तत्परता के साथ शांति की दिशा में कदम उठाएं।
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