महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाले चांदीवाल आयोग ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल मार्च में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के यू.चांदीवाल की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया था, जिसे मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी।
करीब एक साल तक चली जांच के दौरान आयोग ने देशमुख, बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और अन्य के बयान दर्ज किए। सिंह कई बार सम्मन भेजे जाने के बाद केवल एक बार आयोग के सामने पेश हुए थे। मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख ने कई हलफनामों के माध्यम से आयोग को बताया कि उनके पास मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में दी गई जानकारी के अलावा और कुछ नहीं है। फरवरी 2021 में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के निकट एक एसयूवी से विस्फोटक सामग्री मिलने की घटना के समय सिंह मुंबई पुलिस आयुक्त थे।
इस घटना के बाद मार्च में सिंह का तबादला कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को शहर के बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली करने का निर्देश दिया था। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहे हैं। अप्रैल 2021 में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले देशमुख को पिछले साल नवंबर में धनशोधन के मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
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