22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने निर्णायक जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को सटीकता से नष्ट कर दिया। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई इस जवाबी कार्रवाई ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि भारत अब केवल रक्षात्मक रणनीति तक सीमित नहीं, बल्कि अब आक्रामक जवाब देने की सामर्थ्य भी रखता है।
इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया और गुरुवार रात उसने सीमा पर मिसाइल, ड्रोन और अन्य हथियारों से हमला करने का प्रयास किया। हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने इस प्रयास को विफल कर दिया। कोई भी पाकिस्तानी मिसाइल भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं कर सकी।
भारत की इस रक्षा सफलता के पीछे पिछले एक दशक में रक्षा क्षमताओं में हुआ संरचनात्मक सुधार रहा है। एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम, स्कैल्प और हैमर मिसाइलों से लैस राफेल जेट, बराक-8 मीडियम रेंज मिसाइलें, स्वदेशी आकाश मिसाइल बैटरियां और डीआरडीओ द्वारा विकसित काउंटर-ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी प्रणालियों ने मिलकर वायु सुरक्षा की ऐसी दीवार खड़ी की है, जिसे भेदना दुश्मन के लिए लगभग असंभव हो चुका है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने लाहौर स्थित एचक्यू-9 वायु रक्षा प्रणाली और प्रमुख रडार इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी ध्वस्त कर दिया। चीन द्वारा पाकिस्तान को आपूर्ति की गई इस प्रणाली का खात्मा भारत की सर्जिकल स्ट्राइक क्षमताओं की प्रतीकात्मक जीत है।
इस कार्रवाई के पीछे वर्षों की रणनीतिक योजना और सशस्त्र बलों की सतत तैयारी है। इजरायल से प्राप्त हारोप ड्रोन अब भारत में निर्मित हो रहे हैं और इनका उपयोग कराची और लाहौर में टारगेट पर किया गया। इसके अलावा, मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम (MPCDS) ने पाकिस्तानी यूएवी के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाई।
2014 से केंद्र की सरकार ने रक्षा क्षेत्र में निर्णायक कदम उठाते हुए आधुनिकतम प्रणाली के अधिग्रहण पर ज़ोर दिया है। एस-400 ट्रायम्फ, बराक-8 मिसाइलें और आत्मघाती ड्रोन जैसे अत्याधुनिक हथियार प्रणाली के आगमन ने भारत की आक्रामक और रक्षात्मक रणनीतियों को नया आयाम दिया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल जवाबी कार्रवाई है, बल्कि यह भारत के सैन्य सिद्धांत में आए बदलाव का प्रतीक है—जहां अब सीमाओं के भीतर सुरक्षा ही नहीं, बल्कि आतंकी प्रायोजक ताकतों के गढ़ तक पहुंच कर उन्हें ध्वस्त करना भी लक्ष्य है।
यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब अपने आसमान की रक्षा करने भर से संतुष्ट नहीं, बल्कि उसे नियंत्रित करने की दिशा में भी ठोस कदम उठा चुका है।
यह भी पढ़ें:
भारतीय जवाबी कार्रवाई से बौखलाए सांसदों ने शहबाज शरीफ को कहा ‘बुजदिल’
योगी से मिले वर्ल्ड बैंक अध्यक्ष अजय बंगा, योजनाओं की दिल खोलकर सराहना!
सोने की कीमत में गिरावट, 97 हजार के नीचे लुढ़का दाम, चांदी में आई तेजी