केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि भारत में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है और भंडार पूरी तरह से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि चाहे सीमा पर खड़ा जवान हो या खेतों में मेहनत करता किसान—दोनों तैयार हैं, और देश किसी भी आपात स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा कि “इस वर्ष बंपर उत्पादन हुआ है और हमारे किसान अगली फसल के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं। कोई भी चिंता न करे, हम तैयार और सक्षम हैं।” उन्होंने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा चट्टान की तरह मजबूत है।
आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने बताया कि 2023-24 में भारत में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3,322.98 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 3,474.42 लाख मीट्रिक टन पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि “चावल का उत्पादन इस वर्ष 1,464.02 लाख मीट्रिक टन रहा, जो पिछले वर्ष के 1,378.25 लाख मीट्रिक टन से अधिक है। गेहूं उत्पादन भी 1,132 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 1,154 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा है।”
मंत्री चौहान ने कहा कि दालों का उत्पादन भी 242 से बढ़कर 250.97 लाख मीट्रिक टन हो गया है। सबसे उल्लेखनीय वृद्धि तिलहन में दर्ज की गई है, जो 296.69 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 428.98 लाख मीट्रिक टन पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि देश में फलों और सब्जियों की भी कोई कमी नहीं है।
बागवानी फसलों का उत्पादन इस वर्ष 3,621 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष 3,547 लाख मीट्रिक टन था। “आलू का उत्पादन 570 से बढ़कर 595 लाख मीट्रिक टन, प्याज 242 से बढ़कर 288 लाख मीट्रिक टन और टमाटर 213 से बढ़कर 215 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है,” उन्होंने बताया।
मंत्री ने विपरीत मौसम की परिस्थितियों में भी बेहतर उत्पादन के लिए देश के किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की सराहना की। उन्होंने बताया कि अब तक 539.88 लाख मीट्रिक टन धान और 267.02 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है, और प्रक्रिया अभी भी जारी है।
इन आंकड़ों के साथ सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत खाद्य आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती से बढ़ रहा है, और तनावपूर्ण चुनौतियों के बीच भी देश की जनता को किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
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