भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए मिसाइल हमलों के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत-पाक तनाव में आई तेजी के चलते सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के सैकड़ों स्कूल-कॉलेजों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जम्मू डिवीजन के पाँच ज़िलों (जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ) में सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। कश्मीर डिवीजन में बारामुला, कुपवाड़ा, गुरेज, अवंतीपोरा और श्रीनगर एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में भी एहतियातन शिक्षण कार्य रोक दिया गया है।
जोधपुर जिले में 8 मई से सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और जैसलमेर जैसे सीमावर्ती जिलों में भी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश हैं। हालांकि, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूलों में रिपोर्ट करना अनिवार्य है और परीक्षाओं को आगे के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है।
फिरोजपुर, पठानकोट, अमृतसर, गुरदासपुर और फाजिल्का जैसे सीमावर्ती जिलों में 7 मई से 72 घंटों के लिए स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया गया है।
स्थानीय प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में राहत शिविरों की स्थापना शुरू कर दी है। Kashmir Life की रिपोर्ट के अनुसार, सीमावर्ती गांवों से निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है और अस्थायी शरण स्थल बनाए जा रहे हैं। ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे भोजन, चिकित्सा सहायता, परिवहन और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें।
बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की गई है। हालात सामान्य होने तक शैक्षणिक गतिविधियों पर विराम लगा रहेगा।
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