दक्षिण मुंबई का विकास या विनाश ?

मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के किराया बढ़ोतरी से नाराज व्यापारी संगठनों ने दक्षिण मुंबई में सभा आयोजित की. व्यापारियों की लीज का किराया प्रति माह लाखों रुपए का हुआ।सरकार के खिलाफ अब होगा ट्वीट मोर्चा. दक्षिण मुंबई में मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की जमीन पर व्यापार करने वाले व्यापारियों का व्यापार होगा ठप

दक्षिण मुंबई का विकास या विनाश ?

कोरोना की मार झेल रहे मुंबई शहर के व्यापारियों के लिए बुरी खबर है। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अधिकार क्षेत्र की जगहों का किराया बढ़ा दिया गया है ,जोकि बहुत सालों से पट्टे पर हैं।  इस एकतरफा किराया बढ़ोतरी के चलते मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की जगह पर काम करने वाले व्यापारियों  को बहुत बढ़ा नुकसान होगा। इस किराया बढ़ोतरी को मुंबई पोर्ट ट्रस्ट ने टैरिफ अथॉरिटी ऑफ़ मेजर पोर्ट ( टेम्प ) के माध्यम से किया है ,जिसने किराया बढ़ोतरी के फैसले के वक्त मौजूदा बाजार की परिस्थितियों को नजर अंदाज किया है  ।

12 नवंबर 2021 के दिन अलग अलग गैज़ेट के माध्यम से ईस्टर्न मुंबई में स्थित मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की जमीनों का किराया मौजूदा रेडी रेकनर एवं मार्किट रेट के हिसाब से बढ़ाया गया है जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में अपने निर्णय में किराये का स्वरुप निश्चित किया था, जिसे नजर अंदाज किया गया। अब किराया बढ़ोतरी मौजूदा किराये से लगभग 2800 से 3000 फीसदी ज्यादा की गई है। ( अलग -अलग जगह और लीज के प्रकार के आधार पर बढ़ोतरी का प्रतिशत तय किया गया है ) । चौंकाने वाली बात यह है कि, यह किराया आज की तारीख से नहीं, बल्कि 2012 से यानी दस साल पूर्व के समय से बढ़ाया गया है, जो कि दो स्लैब में विभाजित है। 2012 से 2017 और 2017 से 2022 जिसके कारण हर व्यापारी को एक साथ लाखों से या करोड़ों रुपये चुकाने होंगे। यदि किरायेदार पैसा चुकाने में नाकामयाब रहता है, तो उसे क़ानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा और उसकी जगह खाली करके भी उसका दायित्व बाकी रह सकता है।

व्यापारियों ने इस गैर वाजिब किराया बढ़ोतरी का विरोध किया है।  इस विषय में व्यापारी संगठनों ने दारूखाना आयरन, स्टील एंड स्क्रैप मर्चेंट एसोसिएशन संगठन की अगुवाई में एक रैली का आयोजन किया गया। दारुखाना इलाके में आयोजित की गई ,इस रैली में स्थानीय विधायक राहुल नार्वेकर समेत कई व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग और व्यापारी मौजूद रहे।


इस मौके पर राजीव खंडेलवाल ने कहा कि, हम समय-समय पर मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के फैसले का विरोध करते आए हैं, लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि, ना ही हमारी सुनवाई हो रही है और ना ही इस मामले का कोई हल निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम आने वाले दिनों में ट्वीट मोर्चे का आयोजन करने जा रहे हैं। क्योंकि कोरोना वायरस सरकार ने किसी भी आंदोलन की इजाजत नहीं दी है, इसलिए यह मोर्चा ऑनलाइन होगा। जिसके माध्यम से हम हमारी आवाज सरकार तक पहुंचाएंगे !

रैली को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक राहुल नार्वेकर ने कहा कि वह जल्दी ही MBPT चेयरमैन राजीव जलोटा के साथ एक संयुक्त मीटिंग कर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे, और इस समस्या से शिपिंग मिनिस्टर से भी चर्चा करेंगे।  उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यह कोशिश की जाएगी कि हाईकोर्ट का फैसला आने तक व्यापारियों को नोटिस न निकाला जाए।

गौरतलब है की इस विषय में 5 अक्टूबर 2021 को व्यापारियों ने दक्षिण मुंबई के सांसद  अरविन्द सावंत की मौजूदगी में एक नए संगठन की घोषणा की थी।  इस संगठन ( ईस्टर्न मुंबई लैंड यूज़र्स एसोसिएशन ) के माध्यम से व्यापारी लामबंध हो चुके हैं और अब टेम्प एवं मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के इस फैसले के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं।
 
व्यापारियों की मांग1 – किराया वाजिब और समयानुसार होना चाहिए, जो कि व्यापारी उठा सकें।

-2 – किराया आज की तारीख से लागू होना चाहिए !
3 -जो व्यापारी आज जिस जगह पर व्यापार कर रहे हैं, उनको नियमित किया जाए एवं उनके नाम से रजिस्टर किया जाए।
4 -जिन व्यापारियों ने अपने प्लाट को ठीक कराया है, उनको उचित शुल्क लेकर नियमित किया जाय।
5 – सभी कानूनी प्रक्रिया को वापस लिया जाय !
6 -यदि कोई जगह ली जाती है तो उसके बदले में दूसरी जगह दी जाय।व्यापारियों ने अपनी गुहार प्रधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी लगाई है। मुंबई क्षेत्र के सांसद एवं विधायकों से मिलकर अपनी परिस्थितियों एवं परेशानियों से अवगत कराना शुरू किया है।

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