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Sunday, June 22, 2025
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान फिर बेनकाब, जारी हुई पाक सेना और पुलिस अधिकारियों की सूची!

जारी वीडियो और तस्वीरों में यह साफ देखा गया कि आतंकियों के जनाज़े में पाक सेना और पुलिस के वरिष्ठ अफसर मौजूद थे।

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भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मारे गए आतंकियों के जनाज़े में शामिल पाकिस्तानी सेना और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की पहचान सार्वजनिक कर दी है। इस कदम ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन नहीं देने की कथित दलील को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 6-7 मई की रात भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में चलाए गए सैन्य अभियान में नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए गए। मारे गए आतंकियों में कई कुख्यात और वैश्विक रूप से प्रतिबंधित आतंकी शामिल थे, जिनमें अमेरिका द्वारा ‘विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया गया लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अब्दुल रऊफ भी शामिल था।

भारत सरकार द्वारा जारी वीडियो और तस्वीरों में यह साफ देखा गया कि आतंकियों के जनाज़े में पाक सेना और पुलिस के वरिष्ठ अफसर मौजूद थे। यहां तक कि पाकिस्तान की पंजाब असेंबली के सदस्य उस्मान अनवर और प्रशासनिक अधिकारी मलिक सुहैब अहमद भी मौजूद थे।

भारत द्वारा उजागर की गई सूची में ये नाम प्रमुख हैं:

  • लेफ्टिनेंट जनरल फ़ैयाज़ हुसैन, आईवी कोर, लाहौर

  • मेजर जनरल राव इमरान, 11वीं इन्फैंट्री डिवीजन, लाहौर

  • ब्रिगेडियर मोहम्मद फुरकान, प्रशासनिक शाखा

  • आईजी पंजाब पुलिस, पाकिस्तान

  • उस्मान अनवर, विधायक, पंजाब

  • मलिक सुहैब अहमद, पाकिस्तानी प्रशासनिक अधिकारी

विशेष रूप से, हाफिज अब्दुल रऊफ, जो लश्कर प्रमुख हाफिज सईद का करीबी है, उसने मारे गए आतंकियों की नमाज़-ए-जनाज़ा भी पढ़ाई। वहीं प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के सदस्य भी इसमें शामिल थे।


List of Pakistan Army and Police personnel attending funeral of terrorists
भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “ये तस्वीरें और जानकारी इस बात का पुख्ता सबूत हैं कि पाकिस्तान की सेना और राजनीतिक ढांचा सीधे तौर पर आतंकियों के साथ खड़ा है। यह न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती भी है।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में अंजाम दिया गया था। इसके तहत भारत ने नौ आतंकी कैंपों को तबाह किया, जिनमें से पांच PoK में (सावल नाला, सैयदना बिलाल, गुलपुर, बर्नाला, अब्बास) और चार पाकिस्तान में (बहावलपुर, मुरिदके, सरजल, महमूना जोया) स्थित थे।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाक सेना की आतंकियों से मिलीभगत की तस्वीरें पेश की हैं। यह घटनाक्रम भारत-पाक के बीच तनाव को एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर ले जा सकता है।

पाकिस्तान की पोल खोलने वाले इन दस्तावेज़ों और तस्वीरों के बाद भारत की ओर से यह स्पष्ट संकेत है कि “आतंक और उसके संरक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा।” क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस बार पाकिस्तान की दोहरी भूमिका पर ठोस कार्रवाई करेगा — यह अगला बड़ा सवाल है।

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