अमरावती के पूर्व शिवसेना सांसद आनंदराव अडसूल को सिटी बैंक घोटाला मामले में अग्रिम जमानत नहीं मिल सकी। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। इस दौरान अदालत ने कहा कि पहली नजर अडसूल की इस घोटाले में संलिप्तता नजर आ रही है। ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए शिवसेना हाईकोर्ट पहुंचे थे।
मनी लांड्रिग मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना नेता और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल की याचिका पिछले महीने वह खारिज भी कर दी थी। जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एक मामले को चुनौती दी थी। ये मामला महानगर के एक को-ऑपरेटिव बैंक में 980 करोड़ रुपए के कथित धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है। न्यायमूर्ति नितिन जमादार और न्यायमूर्ति सांरग कोतवाल की पीठ ने अडसुल की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर उन्हें गिरफ्तारी का डर है तो वह विशेष अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर सकते हैं। अडसुल ने पिछले महीने की शुरुआत में हाईकोर्ट में याचिका दायर करके ईडी की ओर से पूछताछ के लिए भेजे गए समन और मामले को चुनौती दी थी।
राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर हो रही है कार्रवाई
अडसुल के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत से कहा कि ईडी की तरफ से शुरू की गई कार्रवाई राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर हो रही है, जिसमें केंद्र में सत्तारूढ़ दल (भाजपा) की भी मिलीभगत है। चंद्रचूड ने अदालत से कहा कि अमरावती से लोकसभा की सदस्य नवनीत राणा के पति रविराणा की शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने ये कार्रवाई शुरू की है। इस लिए मेरे मुवक्किल को परेशान किया जा रहा है। पर ईडी के वकील ने अदालत को जो दस्तावेज दिखाए उससे खंडपीठ संतुष्ट नजर आया और अडसूल की जमानत याचिका खारिज कर दी।
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