मराठा आरक्षण ने दरार पैदा कर दी है| मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे पाटिल आमरण अनशन पर हैं| अनशन का 14वां दिन है और उनकी हालत भी बिगड़ गई है| मराठा आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार ने आज शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई है| इस बैठक में किस विषय पर चर्चा होगी? यह जानकारी फड़णवीस ने दी|
”सरकार और विपक्षी दलों को मिलकर समाज के हित के बारे में सोचना चाहिए|आज की बैठक की कोशिश यही होगी कि आगे क्या रास्ता निकले| मराठा समुदाय हो या विभिन्न समुदायों की समस्याएं सामने आ रही हैं| मनोज जारंग की आमरण अनशन से मराठा समुदाय के कुछ मुद्दे सामने आये हैं| मराठा समुदाय के संगठनों की और भी मांगें हैं| फड़णवीस ने यह भी कहा कि इन सभी मांगों पर उचित तरीके से विचार किया जाएगा और बिना राजनीति के समाज के हित में विचार किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, ”लोकतंत्र में आमरण अनशन करना, सवाल पूछना स्वीकार्य है|’ यही लोकतंत्र का तरीका है,लेकिन, हमें ऐसी समस्याओं के समाधान के बारे में सोचना चाहिए। सरकार को कानून पर विचार करना होगा| सुप्रीम कोर्ट पर विचार करना होगा| अगर हम आरक्षण देते भी हैं तो कानून के दायरे में इसकी आलोचना होनी चाहिए| अन्यथा हम कोई निर्णय लेंगे तो समाज कहेगा कि हमारे साथ धोखा हुआ है।
“हमारी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ओबीसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी, चाहे कुछ भी हो जाए। ओबीसी में डर है कि उनका आरक्षण कम हो जाएगा, सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है| ओबीसी समाज को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए| राज्य सरकार ऐसा निर्णय नहीं लेगी कि दो समुदाय आमने-सामने आएं| किसी भी समाज के नेता को कोई भी बयान ऐसा देने का प्रयास करना चाहिए जिससे किसी समाज को ठेस न पहुंचे। हम ओबीसी समुदाय को भी आश्वस्त करना चाहते हैं कि ओबीसी समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा।
मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे पाटिल की आमरण अनशन : मराठा समुदाय के आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए तत्काल आरक्षण और मराठवाड़ा में मराठा समुदाय के लिए कुनबी जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर 29 अगस्त से आमरण अनशन पर हैं। आज व्रत का 14वां दिन है| पिछले 14 दिनों में कई चीजें हुई हैं. 1 सितंबर को मराठा समुदाय के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया|
मराठा आरक्षण : 14 दिनों से आमरण अनशन, चिकित्सीय परीक्षण से भी किया इनकार !