सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में लोग लिख रहे हैं कि सरकार ने राज्य नागरिक परिषद का गठन का गठन इस लिया किया है ताकि एनडीए के वैसे लोग जो चुनाव का टिकट लेने की कोशिश कर सकते हैं, उन्हें राज्य नागरिक परिषद के पद दे दिए गये।
ऐसा इसलिए ताकि टिकट लेने और न लेने के बाद वह पार्टी को नुकसान न नकार सके।और शायद इसी वजह से लोगों ने लिखा है कि सभी को कीड़ा मारने की गोली भी इसी आयोग के पद की कुर्सी से दे दी गई है। कुर्मी – कुशवाहा वाला हल्ला भी समेटने का प्रयास किया गया है, ये हद पार है। सरकार के द्वारा ऐसा मजाक, उम्मीद न थी।
गोपालगंज निवासी मंजीत कुमार सिंह और मधुबनी निवासी माधव आनंद को उपाध्यक्ष बनाया गया है। नालंदा निवासी विरेन्द्र कुमार सिंह, कटिहार निवासी सूर्यदेव मंडल, पटना अनिसाबाद निवासी नरसिंह प्रसाद और शास्त्रीनगर पटना निवासी अरुण कुमार को महासचिव बनाया गया है।
इनके अलावा 21 लोगों को सदस्य बनाया गया है। जिन्हें सदस्य बनाया गया है उनमें मनजीत सिंह, छोटू सिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह, शोभा देवी, पूनम शर्मा, पुष्पा देवी, अनिल कुमार, बच्चा राय, मो. मोहीउद्दीन राईन, कृष्ण कुमार जायसवाल, सुरेंद्र राम उर्फ सुरेंद्र रजवार, पप्पू सिंह, शैलेंद्र कुमार मिश्र, उमेश चंद्र प्रसाद, चन्द्रेश्वर चौधरी उर्फ धन्जी चौधरी, नीरज गौतम, अमरेश चौधरी, नंदनी जायसवाल सरकार, मनीष कुमार, अमित प्रकाश, हेमलता वर्मा, सीताराम पांडेय और रेणुका कुशवाहा शामिल हैं।
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