उत्तराखंड के विधानसभा में मंगलवार को समान नागरिक संहिता (UCC) को पेश किया गया। इस बिल में यह प्रस्ताव है कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को जिला अधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन करना होगा। वहीं, साथ में रहने वालों की उम्र 21 साल से कम होने पर माता पिता की सहमति लेनी होगी। वहीं, इस बिल में लिव इन रिलेशनशिप बनाने और खत्म करने तय की गई है।
लिव इन रिलेशनशिप को रजिस्टर करते समय और खत्म करते हुए इसका रजिस्टार को जानकारी देना अनिवार्य है। इसकी सूचना थाने में भी दी जा सकती है। लिव इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चेऔर महिला को पुरुष की सम्पत्ति में अधिकार होगा। इतना ही नहीं, अगर कोई पार्टनर महिला को छोड़ देता है तो वह कोर्ट में भरण पोषण के लिए मांग कर सकती है। साथ ही ,लिव इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चे भी वैध होगा। यानी कहा जा सकता है कि बच्चे का जैविक पिता होगा और उसे सम्पत्ति में अधिकार देना होगा।
लिव इन रिलेशनशिप रहने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान भी किया गया है। दोनों पार्टनरों को लिव इन रिलेशनशिप रहने के एक माह के अंदर इसका रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया तो छह माह की सजा का प्रावधान है। अगर रजिस्ट्रेशन के दौरान कोई गलत जानकारी दी गई तो इसके लिए भी सजा का प्रावधान है।
बता दें कि, उत्तराखंड पहला राज्य होगा जहां यूसीसी लागू किया जाएगा। इसमें कुल 400 से अधिक धाराएं है। इसमें लिव इन रिलेशनशिप के लिए उम्र, शादी की उम्र तय की गई और इसका उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान भी है। कुछ धर्मो में बहू विवाह की छूट है तो, हिन्दू ईसाई और पारसी में बहू विवाह को अपराध माना गया है और सजा प्रावधान है। यूसीसी लागू होने के बाद बहू विवाह पर रोक लगेगी।
ये भी पढ़ें
राहुल ने कुत्ते का बिस्किट कांग्रेस कार्यकर्ता को दिया?, असम CM सरमा भड़के
मनी लॉन्ड्रिंग मामला: सोरेन के बाद अब केजरीवाल ईडी के रडार पर; रिश्तेदार के घर छापेमारी!
बाबरी मस्जिद की ईंट को राज ठाकरे ने उपहार के रूप में किया स्वीकार !
कुमार विश्वास और अपर्णा यादव को राज्यसभा भेज सकती है BJP! लिस्ट तैयार
PM Modi का संसद में बड़ा दावा: 3री बार BJP 370 तो NDA 400 पार