केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की कि नरेंद्र मोदी सरकार पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह कानून हर भाजपा शासित राज्य में अस्तित्व में आएगा।राज्यसभा में संविधान पर बहस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए उन्होंने मुख्य रूप से कांग्रेस पर निशाना साधा|केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की कि नरेंद्र मोदी सरकार पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह कानून हर भाजपा शासित राज्य में अस्तित्व में आएगा।राज्यसभा में संविधान पर बहस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए उन्होंने मुख्य रूप से कांग्रेस पर निशाना साधा|
उन्होंने कांग्रेस की आरक्षण विरोधी, संविधान विरोधी, तुष्टिकरणवादी, वंशवादी और भ्रष्ट कहकर आलोचना की। शाह ने यह भी आरोप लगाया कि वे 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि वे मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं। ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस की चिंता झूठी है और यह पार्टी अब भी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है| (पेज 8 पर) (पेज 1 से) शाह ने कहा, हम धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देंगे, भले ही संसद में भाजपा का एक भी सदस्य हो। 1955 में कांग्रेस ने काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया।
इसे संसद में रखने की बजाय लाइब्रेरी में रख दिया गया| अगर यह रिपोर्ट लागू हो जाती तो 1990 में मंडल कमीशन लागू नहीं होता| इस रिपोर्ट को भी कांग्रेस ने दबा कर रखा था| जब लोकसभा में मंडल कमीशन पर चर्चा हुई तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजीव गांधी ने इसका कड़ा विरोध किया| नेहरू ने भी आरक्षण का विरोध किया था| नेहरू ने कहा था कि अगर सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया गया तो काम की गुणवत्ता कम हो जायेगी| शाह ने मौखिक रूप से कहा कि आरक्षण विरोधी भावना कांग्रेस में गहरी जड़ें जमा चुकी है। दो घंटे के भाषण में शाह ने ऐलान किया कि गहन चर्चा के बाद देश में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी|
हालांकि मसौदा कानून उत्तराखंड में लागू कर दिया गया है, शाह ने इस पर सार्वजनिक परामर्श की आवश्यकता पर जोर दिया। संविधान में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों नाम शामिल हैं।इसमें भारतीय परंपरा और संस्कृति की विरासत को संरक्षित किया गया है। लेकिन, कांग्रेस की विचारधारा पश्चिमी है और वे भारत की संस्कृति को नहीं समझ सकते क्योंकि उन्हें ‘इंडिया’ के नजरिए से देखने की आदत है।
शाह ने कहा, उन्होंने गठबंधन का नाम भी ‘इंडिया’ रखा है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने संविधान बचाने का झूठा प्रचार किया। लेकिन, उन्होंने संविधान की प्रतियों के रूप में नकली खाली संविधान प्रतियां वितरित कीं। राहुल गांधी का नाम लिए बिना शाह ने आलोचना की कि कोरा संविधान बांटने जैसा कोई बड़ा घोटाला नहीं है| 70 वर्षों में कांग्रेस ने 77 संवैधानिक संशोधन किये। भाजपा ने सिर्फ 22 संशोधन किये|
’महाराष्ट्र में वोटिंग मशीनें खराब, झारखंड का क्या?’ वोटिंग मशीनों की निष्पक्षता पर कांग्रेस की आपत्तियों पर शाह ने तीखा जवाब दिया| महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की बुरी तरह हार हुई, लेकिन झारखंड में ‘इंडिया’ अघाड़ी की जीत हुई| महाराष्ट्र में वोटिंग मशीनें खराब थीं, क्या झारखंड में नहीं? चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को चुनौती दी कि वे हमें दिखाएं कि वोटिंग मशीनों से कैसे छेड़छाड़ की जाती है। लेकिन, कोई नहीं गया|शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे से जुड़ी 24 याचिकाएं खारिज कर दीं|
सावरकर के तंज का जवाब शाह ने सावरकर पर राहुल गांधी के तंज का भी जवाब दिया| किसी भी राजनीतिक दल या सरकार ने सावरकर को ‘नायक’ नहीं कहा| स्वतंत्रता संग्राम में उनके त्याग और बलिदान के लिए शाह ने कहा कि देश की 140 करोड़ जनता उन्हें उनकी प्रखर देशभक्ति के लिए हीरो कहती है| गृह मंत्री ने दावा किया कि इंदिरा गांधी ने भी स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर के योगदान को स्वीकार किया था| शाह ने कहा कि ऐसा था|
संविधान सभा ने समान नागरिक संहिता लागू करने का सुझाव दिया था। लेकिन, नेहरू ने मुस्लिम पर्सनल एक्ट (एमपीएल) पेश किया। संविधान के आधार पर सभी धर्मों के लिए एक ही कानून क्यों लागू नहीं किया जाता? अगर ‘एमपीएल’ लागू करना था तो शरिया क्यों नहीं? यदि कोई अपराध किया गया था, तो सज़ा काट दी जानी थी। विवाह, विरासत के लिए एमपीएल तो आपराधिक कार्रवाई के लिए क्यों नहीं?
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