महासभा ने इन कर्मकांडी ब्राह्मणों के व्यवहार को ब्राह्मण समाज के लिए कलंक बताते हुए निंदा की है। महासभा की ओर से जारी तीन बिंदुओं में स्पष्ट रूप से कहा गया कि इन पांचों ब्राह्मणों का पूर्ण रूप से सामाजिक बहिष्कार हो।
कोई भी कर्मकांडी ब्राह्मण इन व्यक्तियों को अपने धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल न करे। समस्त सनातन समाज इनसे किसी भी प्रकार की पूजा-पाठ अथवा कर्मकांड न कराए।
महासभा के प्रदेश अध्यक्ष शर्मानंद पांडेय ने कहा कि ब्राह्मण समाज की गरिमा, आस्था और मूल्यों के खिलाफ जाकर निजी लाभ के लिए काम करने वाले ऐसे लोगों को चेतावनी देना आवश्यक है।
इस निर्णय का उद्देश्य सनातन धर्म की मर्यादा और ब्राह्मणिक परंपराओं की गरिमा को बनाए रखना है। जिलाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने समस्त ब्राह्मण एवं सनातन धर्मावलंबियों से अपील की है कि वे इन व्यक्तियों का बहिष्कार कर समाज को मर्यादित दिशा प्रदान करें।
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