छत्रपति शिवाजी महाराज की शौर्यगाथा, सुशासन और किसान हितैषी नीतियों को देशभर में प्रेरणा देने वाला प्रतीक मानते हुए राजधानी पटना में रविवार (28 जून) को ‘स्टैच्यू ऑफ गवर्नेंस’ की स्थापना की मांग को लेकर एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन छत्रपति शिवाजी महाराज सामाजिक समरसता अभियान के अंतर्गत मरीन ड्राइव पर होगा।
इस रैली का नेतृत्व अभियान के संयोजक और समाजसेवी प्रणव प्रकाश करेंगे। शनिवार (27 जून) को आयोजित प्रेस वार्ता में प्रणव प्रकाश ने बताया कि यह केवल प्रतिमा स्थापना की मांग नहीं है, बल्कि शिवाजी महाराज के आदर्शों—स्वाभिमान, सुशासन और किसान कल्याण को जन-जन तक पहुंचाने का एक राष्ट्रीय संकल्प है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से यह अभियान निरंतर चल रहा है और 20 अप्रैल को बिहारशरीफ के श्रम कल्याण मैदान में 30 हजार से अधिक समर्थकों ने एक साथ प्रतिमा स्थापना का संकल्प लिया था। उसी क्रम में रविवार को पटना के दीघाघाट स्थित मरीन ड्राइव पर हजारों शिवभक्त एकत्र होंगे और मां गंगा के समक्ष प्रतिमा स्थापना का संकल्प दोहराएंगे।
प्रणव प्रकाश ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ युद्ध के नायक नहीं, बल्कि सुशासन के प्रतीक भी थे। 17वीं सदी में उन्होंने जिस प्रकार से प्रशासनिक संरचना खड़ी की, वह आज के भारत में ‘गुड गवर्नेंस’ की आधारशिला है।
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की किसान-नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने किसानों को भूमि का अधिकार, सिंचाई सुविधा, कर में राहत और फसल सुरक्षा जैसी योजनाएं दीं। वे मानते थे कि “राज्य की समृद्धि का आधार किसान है”—और इसी सोच से उन्होंने किसानों को राज्य की रीढ़ बनाया।
रैली आयोजकों का कहना है कि यह गगनचुंबी प्रतिमा केवल शिवाजी महाराज की स्मृति नहीं होगी, बल्कि यह भारत के लिए एक आदर्श और प्रेरणास्रोत बनेगी—जहां सुशासन, आत्मनिर्भरता और कृषि हितों को प्राथमिकता दी जाती है।
यह भी पढ़ें:
उत्तराखंड में भाजपा अध्यक्ष बदलने की तैयारी, एक जुलाई को होगा ऐलान!
सुल्तानगंज का नाम बदलकर ‘अजगैबीनाथ धाम’ करने की मांग हुई तेज!
बिहार चुनाव: तेजस्वी बनाम आयोग!
“कांग्रेस है देश और प्रदेश को बदनाम करने की पाठशाला”
