फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ बीते कुछ दिनों से लगातार चर्चा में हैं। फिल्म के ट्रेलर लॉन्च होने से लेकर इसके रिलीज होने के बाद भी द केरल स्टोरी पर विवाद कम होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं हाल ही में बहुत से राजनीतिक दलों समेत कई लोगों ने इस फिल्म के कंटेंट पर सवाल खड़े किए थे। वहीं, कई नेताओं और सेलेब्स ने खुलकर इस फिल्म का समर्थन भी किया है। वहीं नरेंद्र मोदी भी एक जनसभा को संबोधित करते हुए इस फिल्म का जिक्र कर चुके हैं। आइए जानते हैं कि फिल्म के पक्ष और विपक्ष में कौन खड़ा है।
हमेशा बेबाकी से अपनी राय रखने वाली कंगना रणौत ने फिल्म को लेकर उठे विवाद पर हाल ही में आलोचकों पर करारा वार किया था। उन्होंने कहा था कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की काफी कोशिश की जारी है। इसमें ISIS के अलावा किसी को भी बैड लाइट में नहीं दिखाया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी इस फिल्म का खुलकर समर्थन कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने फिल्म का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि कुछ लोग हैं जो लड़कियों को फंसाकर आतंक के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। यह फिल्म उन्हीं को बेनकाब करती है।
अभिनेत्री शबाना आजमी का भी इस फिल्म को लेकर एक बयान सामने आया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर फिल्म को बैन करने की वकालत करने वालों को लताड़ लगाते हुए कहा कि जो लोग द केरल स्टोरी पर रोक लगाने की बात करते हैं, वे उतने ही गलत है, जितने कि वह आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा पर बैन लगाना चाहते थे।
‘द केरल स्टोरी’ को देखने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को फिल्म को लेकर अपना रिव्यू दिया। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए देश के सभी माता-पिता से फिल्म देखने की अपील की।
अनुपम खेर ने ‘द केरल स्टोरी’ को प्रोपेगैंडा कहे जाने पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि, ‘मैंने फिल्म नहीं देखी है, लेकिन मुझे खुशी है कि लोग ऐसी फिल्में बना रहे हैं, जो वास्तविकता के करीब हैं।
उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने फिल्म की तरफ अपना समर्थन दिखाते हुए इसे अपने राज्य में टैक्स फ्री करने का एलान कर दिया है।
द केरल स्टोरी का विरोध करने वालों में सबसे पहला नाम केरल के सीएम पिनराई विजयन का आता है। उन्होंने फिल्म को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के उद्देश्य और केरल के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से जानबूझकर की गई कोशिश करार दिया था।
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता शशि थरूर भी गंभीर सवाल खड़े किए थे। फिल्म के ट्रेलर पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने चैलेंज करते हुए कहा था कि 32 हजार लड़कियों के धर्म परिवर्तन और सीरिया जाने की बात को साबित कीजिए, एक करोड़ रुपये ले जाइए। हालांकि, बाद में सफाई देते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी तरफ से फिल्म को बैन करने की मांग नहीं की गई है।
मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद इस फिल्म पर बैन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका है। संगठन की मांग थी कि फिल्म को काल्पनिक कहानी के डिस्केमर के साथ ही रिलीज किया जाना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
राजनेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि ‘द केरल स्टोरी’ तथ्यों पर आधारित नहीं है और इसे स्क्रीनिंग से रोका जाना चाहिए। उन्होंने मराठी में ट्वीट किया, ‘दूसरे शब्दों में, आप अपनी महिला बहनों को बदनाम करना चाहते हैं? इस तरह की फिल्में झूठ के आधार पर हिंसा, नफरत पैदा करने और उसी से चुनाव जीतने के हिसाब से बनाई जाती हैं।’
कपिल सिब्बल ने एक ट्वीट कर कहा, ‘द केरल स्टोरी पर बीजेपी की खुशबू सुंदर कहती हैं, लोगों को तय करने दें कि वो क्या देखना चाहते हैं, आप दूसरों के लिएफैसला नहीं ले सकते हैं, फिर आप विरोध क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा बीजेपी की राजनीति ही यह है कि जो नफरत को बढ़ावा देता है उसका समर्थन करो।’
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