केरल के मंजेरी में विशेष पॉक्सो अदालत ने एक नाबालिग लड़की के साथ बार-बार यौन उत्पीड़न के लिए दोषी और उसके साथी को 180 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों दोषियों पर 11.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए निर्देश दिया कि जुर्माना अदा न करने पर 20 साल की अतिरिक्त कैद की सजा होगी।
दरअसल पलक्कड़ निवासी पहला दोषी 2019 से 2021 के बीच अनमंगड और वल्लिकापट्टा स्थित किराए के मकानों में पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार किया करता था। दूसरी दोषी तिरुवनंतपुरम की मूल निवासी पीड़िता की माँ है जिसने अपराध में सहायता करते हुए उसे बढ़ावा दिया और प्रोत्साहित किया। मामला तब शुरू हुआ जब महिला ने 2019 में अपने पति को छोड़ दिया और पुरुष आरोपी के साथ रहने लगी।
मलप्पुरम वनिता पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के आधार पर, मामले की जाँच आईपीसी, पॉक्सो एक्ट और जेजे एक्ट की कई धाराओं के तहत की गई, जिसका नेतृत्व रजिया बंगालथ ने किया, जबकि अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजक ए. सोमसुंदरन ने किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी सौतेले पिता ने पीड़िता को धमकाते हुए कहा था कि उसने उसके सिर में एक गुप्त कैमरा लगा दिया गया है और अगर उसने उसके कुकृत्य के बारे में किसीसे कुछ कहा तो उसे पता चल जाएगा। अपराध के दौरान पीड़िता को दोषियों ने शराब पिलाई थी।
विशेष पोक्सो अदालत के न्यायमूर्ती एएम अशरफ ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) की विभिन्न धाराओं के तहत यह फैसला सुनाया। दौरान सरकारी वकील ने मीडिया को बताया, “आज अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए 180 साल के कठोर कारावास और 11.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।”
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माना राशि वसूल होने के बाद उसे पीड़ित को दिया जाए तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़ित प्रतिपूर्ति योजना के तहत अतिरिक्त मुआवजा प्रदान करने का निर्देश दिया। दोनों दोषियों को उनकी सजा काटने के लिए तवनूर जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है।
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