ईरान के खिलाफ अमेरिका द्वारा की गई बड़ी एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ऐतिहासिक सहयोग बताते हुए कहा कि “इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने जो शुरू किया, उसे अमेरिका ने अंत तक पहुंचाया।” अमेरिका ने रविवार (22 जून) तड़के भारतीय समयानुसार 4:30 बजे ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स — फोर्डो, नतांज और एस्फाहान — पर हमला कर उन्हें नष्ट करने का दावा किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई की पुष्टि राष्ट्र के नाम संबोधन में की।
हिब्रू भाषा में जारी एक वीडियो बयान में नेतन्याहू ने कहा, “ऑपरेशन की शुरुआत में मैंने आपसे वादा किया था कि ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी को किसी न किसी तरह से तबाह कर दिया जाएगा। यह वादा पूरा किया गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि यह अभियान 13 जून को IDF द्वारा शुरू किया गया था और अब अमेरिका ने उसे निर्णायक अंजाम तक पहुंचाया है।
इजरायली प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई टेलीफोन पर बातचीत का भी जिक्र किया और कहा, “मैंने अमेरिकी ऑपरेशन खत्म होने के तुरंत बाद ट्रंप को बधाई देने के लिए फोन किया। यह एक गर्मजोशी और भावनात्मक बातचीत थी।” नेतन्याहू ने आगे कहा कि ट्रंप ने न सिर्फ उन्हें, बल्कि इजरायली सेना और जनता को भी बधाई दी, और यह स्पष्ट किया कि ट्रंप “स्वतंत्र विश्व के नेतृत्व को दृढ़ता से निभा रहे हैं” और “इजरायल के सबसे अच्छे मित्र हैं, जैसा कोई और नहीं।”
President Trump and I often say: ‘Peace through strength.’
First comes strength, then comes peace.
And tonight, @realDonaldTrump and the United States acted with a lot of strength. pic.twitter.com/7lTWCZkgw7
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) June 22, 2025
डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि अमेरिका का मुख्य उद्देश्य ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को स्थायी रूप से खत्म करना था। उन्होंने चेतावनी दी, “या तो शांति होगी या त्रासदी। अभी कई टारगेट्स बचे हैं। अगर जल्दी शांति नहीं आती, तो अमेरिका और अधिक सटीक हमलों के साथ कार्रवाई करेगा।”
इस हमले ने वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। इजरायल और अमेरिका के बीच इस अभूतपूर्व सैन्य समन्वय को देखते हुए विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ईरान पर भविष्य में और कड़े सैन्य दबाव बनाए जा सकते हैं। फिलहाल, पूरी दुनिया ईरान की अगली प्रतिक्रिया और पश्चिम एशिया में उभरते सुरक्षा हालात पर नजर बनाए हुए है।
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