केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत का खिलौना उद्योग, जो कभी आयात पर निर्भर था, अब घरेलू रूप से निर्माण कर रहा है और दुनिया के 153 देशों को खिलौनों का निर्यात कर रहा है। वह ‘टॉय बिज़ इंटरनेशनल B2B एक्सपो 2025’ के 16वें संस्करण को संबोधित कर रहे थे।
गोयल ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत घरेलू उद्योगों के प्रति जनजागरूकता और समर्थन में निरंतर वृद्धि हुई है। उन्होंने इस बदलाव के लिए नीतिगत समर्थन, गुणवत्ता मानकों के कड़े पालन और घरेलू निर्माण क्लस्टरों के सशक्तिकरण को जिम्मेदार बताया।
मंत्री ने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के लागू होने से भारत अब एक गुणवत्ता के प्रति सजग राष्ट्र बन चुका है और देश के खिलौना निर्माता वैश्विक मानकों पर खरे उतरने लगे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की 1.4 अरब की जनसंख्या एक बड़ा घरेलू बाजार प्रदान करती है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग स्केल को बढ़ाकर लागत में प्रतिस्पर्धात्मकता हासिल की जा सकती है।
गोयल ने घोषणा की कि सरकार जल्द ही खिलौना क्षेत्र के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना लाने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता निर्माण, डिजाइन क्षमताओं का उन्नयन, आकर्षक पैकेजिंग, और ब्रांड बिल्डिंग को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर उत्पाद डिज़ाइन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए, तो भारतीय खिलौने वैश्विक बाज़ारों में बड़ी अपील हासिल कर सकते हैं।
नए भारत की खिलौना क्रांति!
आज भारत मंडपम में दक्षिण एशिया के सबसे बड़े B2B Toy Expo का उद्घाटन किया जहां 300+ प्रदर्शक और 200 अंतरराष्ट्रीय खरीददार हिस्सा ले रहे हैं।
आज हमारे खिलौना उत्पादक अच्छी गुणवत्ता और ब्रांडिंग के साथ विश्व में अपनी पहचान बना रहे हैं। यही कारण है कि आज… pic.twitter.com/Vb6zMMWipe
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 4, 2025
गोयल ने बताया कि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में 18 खिलौना क्लस्टरों को MSME मंत्रालय द्वारा समर्थन दिया गया है। इसके अलावा, स्टार्टअप्स को भी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी वाले ऋण मिल रहे हैं। यह योजना अब 20 वर्षों तक विस्तारित की गई है, जिससे छोटे व्यवसायों को मजबूती मिली है।
मंत्री ने याद किया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ की शुरुआत की थी, तब कई लोगों को इस पर शक था क्योंकि उपभोक्ताओं की पसंद विदेशी उत्पादों की ओर अधिक झुकी हुई थी। लेकिन आज लोकल ब्रांड्स को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है, और यह भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बन चुका है।
गोयल ने कहा कि भारत का खिलौना उद्योग अब सिर्फ बच्चों की खुशियों का जरिया नहीं, बल्कि रोजगार, नवाचार और वैश्विक व्यापार का नया केंद्र बन चुका है। भारत का खिलौना क्षेत्र अब आत्मनिर्भर भारत की दिशा में केवल प्रतीक नहीं, बल्कि आर्थिक सफलता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सशक्त उदाहरण बन रहा है।
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