अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने परिवार और कांग्रेस सदस्यों के साथ जश्न मनाते हुए विवादास्पद ‘Big Beautiful Bill’ को कानून का रूप दे दिया। यह कानून न केवल संघीय सुरक्षा योजनाओं में कटौती करता है, बल्कि आक्रामक आव्रजन प्रवर्तन और कर राहत के जरिए अमीर वर्ग को अधिक लाभ पहुंचाने के कारण आलोचना का केंद्र बना हुआ है।
यह कानून शुक्रवार (4 जुलाई )को व्हाइट हाउस में आयोजित पिकनिक के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा साइन किया गया, जिससे यह औपचारिक रूप से प्रभावी हो गया। इससे पहले यह बिल सीनेट में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की टाई-ब्रेकिंग वोट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 219-213 के अंतर से पारित हुआ था।
बिल पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, “यह देश के इतिहास में सबसे लोकप्रिय विधेयक है। हमने हर चीज को एक ही बिल में डाल दिया है। पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।” उन्होंने इसे अमेरिका के लिए “जन्मदिन का तोहफा” बताया। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका “आर्थिक रूप से रॉकेट शिप” की तरह उड़ेगा।
डेमोक्रेट सांसद राफेल वॉर्नॉक ने बिल की आलोचना करते हुए X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यह सड़कों पर डकैती है। रिपब्लिकन का यह बिल गरीबों से छीनकर अमीरों को देने वाला है।”
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क, जो कभी ट्रंप प्रशासन का हिस्सा रह चुके हैं, ने भी इस बिल का विरोध किया है क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म करता है और ग्रीन एनर्जी इंसेंटिव्स को समाप्त करने की दिशा में काम करता है। मस्क ने यहां तक कहा कि अब वक्त है नई राजनीतिक पार्टी बनाने का, जो रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों का विकल्प हो।
बिल के प्रमुख प्रभावों को विस्तार से समझाया जाए तो यह कानून अमेरिका की सामाजिक सुरक्षा, आव्रजन नीति, टैक्स व्यवस्था और पर्यावरणीय दिशा को गहराई से प्रभावित करता है। नीचे इसके प्रमुख प्रभावों की व्याख्या की गई है:
1. संघीय सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कटौती:
Big Beautiful Bill सबसे गंभीर असर अमेरिका की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर डालता है। इसमें विशेष रूप से Medicaid और SNAP (फूड स्टैम्प प्रोग्राम) जैसी योजनाओं पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। Medicaid, जो अमेरिका के गरीबों और दिव्यांगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करती है, उसमें कटौती से लगभग 11.8 मिलियन लोगों के स्वास्थ्य लाभ खत्म हो सकते हैं। इसी तरह SNAP योजना, जो ग्रामीण और निर्धन परिवारों को भोजन हेतु सब्सिडी देती है, उसमें भी कटौती का प्रस्ताव है। इसके कारण 8 मिलियन लोग भोजन सहायता से वंचित हो सकते हैं। इन कटौतियों को लेकर डेमोक्रेट्स ने इसे अमीरों के हित में गरीबों के खिलाफ उठाया गया कदम बताया है।
2. आक्रामक आव्रजन नीति का समर्थन:
इस कानून के तहत $170 मिलियन डॉलर की राशि केवल इमिग्रेशन एनफोर्समेंट पर खर्च की जाएगी। इसका उद्देश्य अमेरिका में “मास डिपोर्टेशन” यानी बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालना है। ट्रंप प्रशासन पहले से ही ICE (Immigration and Customs Enforcement) की कार्रवाइयों को तेज कर चुका है।
हालांकि कुछ छूट भी दी गई हैं — ट्रंप ने संकेत दिया कि अगर किसान या होटल मालिक किसी अप्रवासी के लिए जिम्मेदारी लेते हैं, तो कुछ मामलों में छूट दी जा सकती है। यह बात उन्होंने DHS सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम से चर्चा के दौरान कही।
3. अमीरों के लिए टैक्स राहत:
इस कानून का तीसरा बड़ा असर अमेरिका की टैक्स नीति पर दिखेगा। यह बिल 2017 के ट्रंप-युग के टैक्स कट्स को आगे बढ़ाते हुए अमीर वर्ग को भारी टैक्स राहत देता है। Centre on Budget and Policy Priorities के मुताबिक, इस टैक्स प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ धनी अमेरिकियों को मिलेगा। वहीं, कांग्रेसनल बजट ऑफिस के अनुमानों के अनुसार, यह बिल 2024 से 2034 के बीच अमेरिका के राष्ट्रीय ऋण में $3.3 ट्रिलियन की बढ़ोतरी करेगा। इसका अर्थ यह है कि टैक्स कटौती का बोझ अंततः सरकारी घाटे के रूप में सामने आएगा, जिससे भविष्य में और भी सामाजिक योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
4. हरित ऊर्जा पर सीधा प्रहार:
इस कानून का एक और विवादास्पद हिस्सा यह है कि इसमें बाइडेन प्रशासन द्वारा शुरू किए गए ग्रीन एनर्जी इंसेंटिव्स को समाप्त कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को मिलने वाली सब्सिडी अब खत्म हो जाएगी। पर्यावरण विशेषज्ञों और आलोचकों के अनुसार, इससे जलवायु संकट से लड़ने की वैश्विक कोशिशों को गंभीर झटका लगेगा। टेस्ला के CEO एलन मस्क ने भी इसी कारण इस बिल का विरोध किया है और नई राजनीतिक पार्टी की आवश्यकता जताई है।
बिल के समर्थक कहते हैं कि यह कानून अवांछित खर्च को खत्म कर ‘वास्तविक ज़रूरतमंदों’ को लाभ पहुंचाने की ओर एक कदम है। वहीं आलोचकों का कहना है कि यह असमानता को और बढ़ाएगा, गरीबों की मूलभूत सुविधाएं छीन लेगा, और अमेरिका को ऋण के दलदल में और धकेल देगा। हाउस स्पीकर माइक जॉनसन, जो इस बिल को पारित कराने में अहम भूमिका निभा रहे थे, ने ट्रंप को वह गवेल भेंट किया जिससे उन्होंने सदन में इस विधेयक के पारित होने की घोषणा की थी।
ट्रंप के लिए यह कानून एक राजनीतिक जीत है, लेकिन अमेरिका के लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय नागरिकों के लिए यह एक नई चुनौती बनकर सामने आया है। अब देखना होगा कि 2024 के चुनावी परिदृश्य में यह बिल ट्रंप को लाभ देता है या विवादों की लहर में बह जाता है।
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