पहलगाम के इस्लामी आतंकी हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने पाकिस्तान को ‘दुनिया में आतंकवाद का ईंधन देने वाला दुष्ट राष्ट्र’ करार देते हुए उसे कड़ी फटकार लगाई।
संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान योजना पटेल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा, “पूरी दुनिया ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को हाल ही में टेलीविजन पर पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देने की खुली स्वीकारोक्ति करते हुए सुना है।” पटेल ने कहा कि पाकिस्तान ने जिस तरह संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग कर भारत पर निराधार आरोप लगाए हैं, वह निंदनीय है।
उन्होंने दो टूक कहा, “यह स्वीकारोक्ति अब किसी को चौंकाती नहीं है। यह पाकिस्तान के ‘दुष्ट राष्ट्र’ के रूप में चेहरे को बेनकाब करती है, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है और पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है। अब दुनिया इससे आँख नहीं फेर सकती।”
योजना पटेल ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए बताया कि यह हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया भर से इस हमले के बाद जो एकजुट समर्थन मिला है, वह यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरतना चाहता। पटेल ने कहा, “भारत इस समर्थन को अत्यधिक सराहता है और यह वैश्विक आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की भावना का प्रमाण है।”
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस बयान का भी समर्थन किया जिसमें कहा गया कि आतंकवादी हमलों के जिम्मेदारों, प्रायोजकों और समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
यह तीखा प्रहार उस पृष्ठभूमि में हुआ है जब हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने लंबे समय तक आतंकवादी संगठनों को पाला-पोसा है। आसिफ ने कहा था कि पाकिस्तान पश्चिमी देशों के लिए “गंदा काम” करता रहा है और आतंकी संगठनों को “एक ही धार्मिक रूप से संगठित चेहरा” बताया था जो अलग-अलग नामों से काम करते रहे।
इतना ही नहीं, ख्वाजा आसिफ ने भारत के खिलाफ भी परमाणु हमले की अप्रत्यक्ष धमकी दी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से “स्थिति को सामान्य बनाने” की अपील भी की थी। भारत ने पहलगाम हमले के बाद जवाबी कार्रवाई के तौर पर अटारी आईसीपी को बंद कर दिया है, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रद्द कर दी हैं और दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या भी घटा दी है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर दुनिया के सामने पाकिस्तान के दोहरे चेहरे को उजागर कर दिया है—एक ओर शांति की बातें और दूसरी ओर आतंकवाद का खुला समर्थन। भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह अब न सिर्फ सीमा पर बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी आतंक के खिलाफ पूरी मजबूती से डटा रहेगा।
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