अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टर नील आनंद को अत्यधिक नशे की लत लगाने वाली दवाओं के अवैध वितरण और 2.3 मिलियन डॉलर की हेल्थकेयर फ्रॉड साजिश में दोषी ठहराया गया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने बुधवार (16 अप्रैल)को यह जानकारी दी।
48 वर्षीय नील आनंद को मंगलवार को पेंसिल्वेनिया की एक संघीय अदालत ने दोषी करार दिया, जिसमें अभियोजन पक्ष ने बताया कि उन्होंने ऑक्सीकोडोन जैसी नशीली नियंत्रित दवा के पूर्व हस्ताक्षरित प्रिस्क्रिप्शन (प्री-साइन्ड नुस्खे) तैयार कर अपने इंटर्न्स को दिए, जिन्होंने इन्हें गैरकानूनी रूप से वितरित किया। जांच में सामने आया कि केवल 9 मरीजों को ट्रीट करने में 20,850 टैबलेट्स वितरित की गईं।
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा, “ऑक्सीकोडोन एक ओपिओइड दर्द निवारक है जिसका नशे के लिए दुरुपयोग किया जाता है और अमेरिका में यह एक महामारी का रूप ले चुका है।”
अभियोजन के अनुसार, डॉ. आनंद ने यह दवाएं गुडी बैग्स (लुभावने पैकेट) के रूप में मरीजों को दीं, जिन्हें नशे की लत थी। ये दवाएं उन फार्मेसियों के माध्यम से दी जाती थीं जो आनंद के स्वामित्व में थीं। इन अनावश्यक दवाओं के लिए उन्होंने बीमा कंपनियों और सरकारी योजनाओं से 2.3 मिलियन डॉलर की अवैध वसूली की।
जैसे ही उन्हें जांच की भनक लगी, आनंद ने करीब 1.2 मिलियन डॉलर की रकम अपने पिता और नाबालिग बेटी के खातों में ट्रांसफर कर दी ताकि उसे कानून की नजर से छुपाया जा सके। डॉ. आनंद को अगस्त 2025 में सजा सुनाई जाएगी। उन्हें 2019 में चार अन्य लोगों के साथ आरोपित किया गया था, जिनमें से कई के पास अमेरिका में चिकित्सा प्रैक्टिस का लाइसेंस नहीं था।
यह मामला अमेरिका में ओपिओइड संकट के गंभीर होते स्वरूप को उजागर करता है। इससे पहले भी 2017 में नेवादा में भारतीय मूल के डॉक्टर देवेंद्र पटेल को इसी तरह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर भी फेंटेनाइल, हाइड्रोकोडोन और ऑक्सीकोडोन जैसी दवाएं बिना चिकित्सकीय कारण के प्रिस्क्राइब करने का आरोप था।
यह भी पढ़ें:
नई दिल्ली: भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास पुणे में शुरू!
ग्वालियर: अब तक की सबसे लंबी साइबर ठगी, 26 दिन ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उड़ाए 2.52 करोड़!
आवासीय कॉलनी में सेक्स रैकेट का भांडाफोड़, होटल की तरह सजाए गए थे कमरे!