ईरान और इजरायल के बीच चल रहा 12 दिन पुराना युद्ध एक बार फिर तीव्र रूप में पहुंच गया है। मंगलवार को ईरान ने मध्य और दक्षिणी इजरायल पर एक साथ आठ बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से एक बीरशेबा स्थित एक रिहायशी अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स पर आकर गिरी। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
मैगन डेविड एडोम के आपातकालीन कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर तीन मृतकों की पुष्टि की है। हमले के बाद इमारत पूरी तरह ढह गई। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, लेकिन अब तक आधिकारिक घायलों की संख्या जारी नहीं की गई है।
हमले के तुरंत बाद इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने जानकारी दी कि मध्य और दक्षिणी इजरायल में एक बार फिर मिसाइल हमले के चेतावनी सायरन बजे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि हमले की आशंका अभी भी बनी हुई है।
यह हमला ऐसे वक्त पर हुआ जब ईरान ने स्थानीय समयानुसार मंगलवार सुबह 4 बजे से इजरायल के खिलाफ एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी। हालांकि ईरानी अधिकारियों ने साफ किया कि यह युद्धविराम पूरी तरह सशर्त है और केवल तभी प्रभावी रहेगा जब इजरायल अपनी सैन्य आक्रामकता पूरी तरह रोके।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे कुछ घंटे पहले दावा किया था कि ईरान और इजरायल दोनों “पूर्ण और अंतिम युद्धविराम” पर सहमत हो गए हैं। लेकिन ईरान के विदेश मंत्रालय ने तुरंत इस दावे को खारिज कर दिया। तेहरान ने कहा कि उसे वाशिंगटन से कोई औपचारिक युद्धविराम प्रस्ताव नहीं मिला है और अगर इजरायल अपने हमले जारी रखता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई करता रहेगा।
इस संघर्ष की शुरुआत 13 जून को इजरायल द्वारा “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों से हुई। इसके जवाब में ईरान ने कई बार बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। तनाव तब और बढ़ गया जब अमेरिका ने “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” के तहत फोर्डो, नतांज और एस्फाहान स्थित ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर सटीक हमले किए।
अब तक के संघर्ष में भारी जानमाल की क्षति हुई है। अनुमान के मुताबिक, ईरान में करीब 400 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इजरायल में 24 नागरिकों की जान जा चुकी है। इसके अलावा दोनों देशों में हजारों लोग घायल हुए हैं। कई शहरों में बुनियादी ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है, जिसमें रिहायशी इमारतें, अस्पताल, और ऊर्जा आपूर्ति केंद्र प्रमुख रूप से प्रभावित हुए हैं। युद्ध की इस भयावहता ने आम नागरिकों के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है, और हालात फिलहाल स्थिर होने के कोई संकेत नहीं दिखा रहे।
हालात को देखते हुए मिडिल ईस्ट में फिर से युद्धविराम की संभावना क्षीण होती जा रही है। दोनों पक्षों के बीच गहरे अविश्वास, और किसी ठोस मध्यस्थता के अभाव में यह संघर्ष किसी भी वक्त और भयानक रूप ले सकता है।अब दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या कोई स्थायी समाधान निकल पाएगा, या पश्चिम एशिया एक और लंबे युद्ध की ओर बढ़ रहा है।
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