पाकि सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने एबटाबाद के काकुल स्थित पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (पीएमए) में कैडेट को संबोधित करते हुए एक बार फिर आक्रामक रुख अपनाया। मुनीर ने भारत पर धमकी के स्वर अलापते हुए कहा कि इस्लामाबाद शुरुवात करने वालों की उम्मीदों से कहीं ज़्यादा जवाब देगा और साथ ही यह भी कहा कि परमाणु वातावरण में युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है।
मुनीर के भाषण के दौरान कहा, “हम आपकी बयानबाज़ी से न तो कभी डरेंगे और न ही दबाव में आएंगे और बिना किसी झिझक के, मामूली उकसावे का भी, अनुपात से परे, निर्णायक जवाब देंगे। आगे चलकर तनाव बढ़ने की ज़िम्मेदारी, जिसके अंततः पूरे क्षेत्र और उसके बाहर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं, पूरी तरह से भारत पर होगी।” मौजूद द्विपक्षीय तनाव और सैन्य रोध को और तीखा कर सकता है।
यह पहली बार नहीं कि मुनीर ने परमाणु संदर्भ से अपना दर्द और डर कम करने की कोशीश की हो—कुछ माह पहले टाम्पा (फ्लोरिडा) में दिए गए एक भाषण में उनके हवाले से कहा गया था, “हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएँगे।” यह वही टिप्पणी है जिसे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने गंभीरता से लिया और कड़े शब्दों में निंदा की।
भारत ने मुनीर की धमकियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और उसके वक्तव्यों को बेहद अनावश्यक और जिम्मेदाराना व्यवहार के विपरीत बताया है। विश्लेषकों के मुताबिक, मुनीर का यह बयान पाकिस्तान की गहराती आंतरिक अस्थिरता, आर्थिक बदहाली और चरमराती शासन व्यवस्था से ध्यान भटकाने की रणनीति का हिस्सा है। पाकिस्तान में सेना राजनीतिक व्यवस्था पर हावी है, और ऐसे उग्र बयान घरेलू मोर्चे पर समर्थन जुटाने का एक साधन हैं।
मुनीर का परमाणु कार्ड पाकिस्तान की कूटनीतिक और सैन्य असफलताओं को ढकने का हथकंडा बन चुका है। भारत ने हमेशा संयम बरता है, लेकिन पाकिस्तान की इस बार-बार की धमकियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि इस्लामाबाद अब रणनीतिक रूप से कमज़ोर, घबराया हुआ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुका है।
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