भारत द्वारा 7 मई को शुरू किए गए जवाबी सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर पाकिस्तान ने आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है। पाकिस्तानी उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने एक टेलीविज़न इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि भारत ने पाकिस्तान के नूर खान और शोरकोट एयरबेस पर हमला किया था। इस बयान ने एक बार फिर इस्लामाबाद की सैन्य तैयारियों और उसकी आंतरिक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इशाक डार ने यह भी खुलासा किया कि सऊदी अरब के प्रिंस फैसल बिन सलमान ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर तक यह संदेश पहुंचाने की पेशकश की थी कि पाकिस्तान अब और आगे नहीं बढ़ना चाहता। इससे यह संकेत मिला कि पाकिस्तान ने सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि सऊदी अरब से भी मध्यस्थता के लिए गुहार लगाई थी।
यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान पहले ही 4 जून को यह स्वीकार कर चुका है कि उसे भारत के हमलों में उम्मीद से कहीं अधिक नुकसान हुआ है। एक गोपनीय पाकिस्तानी सैन्य डोजियर, ‘ऑपरेशन बुनयान उन मर्सूस’ के हवाले से जानकारी सामने आई थी कि भारत ने पाकिस्तान के आठ से अधिक स्थानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उन्हें क्षतिग्रस्त किया।
भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे पाकिस्तान के लिए “ पाकिस्तान अपने ही स्वीकारोक्ति के बोझ तले दबता जा रहा है। एक खुलासे में, पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने पुष्टि की है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नूर खान और शोरकोट एयरबेस पर हमला किया था। उन्होंने आगे कहा – सऊदी प्रिंस फैसल बिन सलमान ने व्यक्तिगत रूप से विदेश मंत्री जयशंकर को यह बताने की पेशकश की थी कि पाकिस्तान इसे रोकने के लिए तैयार है।
तो अब यह आधिकारिक है, पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि उस पर हमला किया गया था। पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि वह अमेरिका और सऊदी अरब दोनों के पास गया और भारत से इसे रोकने की भीख मांगी। पाकिस्तान ने अनजाने में स्वीकार किया कि ट्रम्प अकेले नहीं थे जो भारत की पैरवी कर रहे थे – यहां तक कि रियाद को भी इसमें शामिल किया गया था। बालाकोट से सिंदूर तक, पाकिस्तान के इनकार सत्य बमों के नीचे गिरते रहे।उनके लिए यह राष्ट्रीय सुरक्षा शर्मिंदगी है, जबकि भारत के लिए यह रणनीतिक मान्यता है।”
Pakistan continues to unravel under the weight of its own admissions.
In a stunning revelation, Pakistani Deputy PM Ishaq Dar has confirmed that India struck the Nur Khan and Shorkot airbases during Operation Sindoor. He went further — claiming that Saudi Prince Faisal bin… pic.twitter.com/yBzsTwpwR6
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 19, 2025
भारत ने भी इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने कहा, “जब कोई देश आतंकियों को पनाह देता है, जो निर्दोषों का नरसंहार करते हैं, तो रक्षात्मक कार्रवाई केवल अधिकार नहीं, बल्कि कर्तव्य बन जाती है। दुनिया अब पाकिस्तान की ‘धोखे की नाटकबाज़ी’ को समझ चुकी है।”
त्यागी ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की भी याद दिलाई, जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 भारतीय पर्यटकों की उनके परिवारों के सामने निर्मम हत्या कर दी थी। यही हमला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सीधी वजह बना, जिसे भारत ने 6-7 मई की रात अंजाम दिया।
चार दिनों तक चले संघर्ष के बाद 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति बनी। इस ऑपरेशन के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया, जो पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका साबित हुआ।
भारत के कड़े रुख और जवाबी कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि अब आतंकवाद को पालने वाले देशों को छूट नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान की कबूलनामे से न सिर्फ भारत की सैन्य शक्ति और खुफिया तंत्र की साख बढ़ी है, बल्कि दुनिया को भी यह संदेश गया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत अब निर्णायक कदम उठाने से नहीं हिचकेगा।
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